एक माहिर आसारे-ए-क़दीमा( विशेषज्ञ पुरातत्व/archaeologist) का दावा है कि इस ने दो नए इमकानी एहराम का पता चलाया है जो मिस्र में एक वसीअ टीले पर वाक़्य हैं और जीज़ा के अज़ीम हरम की तीन गुना जसामत के हैं। आसारे-ए-क़दीमा( विशेषज्ञ पुरातत्व/archaeologist) की मुहक़्क़िक़ एंजेला माईकोल साकन मैडन, शुमाली कैरोलीना, अमेरीका मस्नूई स्यारा के ज़रीया दस साल से ज़्यादा अर्सा से आसारे-ए-क़दीमा के बारे में तहक़ीक़ कररही हैं।
गूगल अर्थ के मस्नूई स्यारा के ज़रीया ख़ला से तस्वीरें लेने के प्रोग्राम के ज़रीये उन्हों ने मिस्र में दो एहराम का पता लगाया है। माहिर मसरयात-ओ-एहराम नबील सलीम ने तौसीक़ की कि ये एहराम अभी तक दरयाफ़त नहीं किए गए थे। रोज़नामा डिस्कवरी न्यूज़ (खोज के समाचार) के बमूजब एंजेला माईकोल ने कहा कि ये दोनों एहराम एक दूसरे से 144 कीलोमीटर के फ़ासले पर हैं।
इन में ग़ैरमामूली टीलों के ग्रुप शामिल हैं। इन के अंदरूनी नुक़ूश-ओ-निगार पोशीदा हैं और उन का फ़न तामीर मुनफ़रद है। ये एहराम शहर अबोसधोम से 19 कीलोमीटर दूर दरयाए नील के किनारे वाक़्य हैं। हर हरम में चार टीले शामिल हैं। एक वसीअ मसल्स नुमा सतह मुर्तफ़े है। दीगर दो वसीअ टीले तक़रीबन 76.2 मीटर चौड़े और दो छोटे टीले 30.48 मीटर चौड़े हैं।