रियासत में चंद बरसों से यतीम और बे सहारा बच्चों को आसरा देने के नाम पर जो ख़ानगी यतीम ख़ाने और आसरा मराकज़ क़ायम किए जा रहे हैं वहां होने वाली मुबय्यना धांदलियों का इल्म होने पर हुकूमत ने इन मराकज़ पर नई पाबंदीयां आइद करने का फ़ैसला किया है।
आसरा हाउस के नाम पर चंद एक प्राईवेट इदारे और अफ़राद यतीम और बे सहारा बच्चों को ऐसे मराकज़ में रख कर या तो उन्हें दूसरों के हाथ फ़रोख्त कर रहे हैं या फिर इन बच्चों को बच्चा मज़दूरी पर लगा रहे हैं।
और ऐसा एक बड़ा जाल रियासत के चंद बड़े शहरों में फैला हुआ है जिसका पता चलने के बाद अब हुकूमत प्राईवेट आसरा हाउस और यतीम ख़ानों पर नई पाबंदीयां आइद करने से मुताल्लिक़ सोच रही है। कर्नाटक में साल 2010 के दौरान 2791 कम उम्र लड़के और 2464 कमसिन लड़कीयों की गुमशुदगी की रिपोर्ट की गई थी जबकि 2011 के दौरान 2404 लड़के और 2039 लड़कीयां गुम हो गई थीं हुकूमत ने अब तमाम ख़ानगी यतीम ख़ानों और आसरा हाउस के रजिस्ट्रेशन को लाज़िमी क़रार दिया है जो महिकमा बहबूदी ख़वातीन-ओ-इतफ़ाल में रजिस्टर किराया जाएगा और आइन्दा हर तीन साल में इसकी तजदीद करानी होगी।
रियासत में कुछ ऐसे यतीम ख़ाने भी हैं जो यतीम बच्चों को उनके रिश्तेदारों से हासिल करके यहां लाकर रखे गए हैं। हुकूमत ने इन बच्चों को रजिस्टर्ड करवाने जो नोटीफ़िकेशन जारी किया था इस के पेशे नज़र अब तक 120 आसरा हाउस और यतीम ख़ानों ने रजिस्ट्रेशन के लिए दरख़ास्तें दाख़िल की हैं हुकूमत दरख़ास्त दिए हुए तमाम यतीम ख़ानों और आसरा हाउस का जायज़ा लेगी।
और वहां फ़राहम कर्दा सहूलतों का जायज़ा लेने के बाद ही उन्हें चलाने की मंज़ूरी देगी। अगर कोई ख़ामी हो तो उन यतीम ख़ानों को इंतिज़ामीया को दुरुस्त कर लेने की मोहलत दी जाएगी। हुकूमत ने वाज़िह किया है कि ऐसे चंद बेनामी मराकज़ बे सहारा बच्चों को सहारा देने के नाम पर मज़कूरा इदारा जात में रख कर उन्हें या तो दूसरे के हाथ फ़रोख्त कर रहे हैं या फिर मज़दूरी पर लगा रहे हैं