आसाम की सूरत-ए-हाल में बेहतरी , मर्कज़ी हुकूमत का इद्दिआ ( दावा)

नई दिल्ली गोहाटी, १५ सितंबर (पी टी आई) आसाम के तशद्दुद से मुतास्सिरा ( प्रभावित) अज़ला ( जिलो) में सूरत-ए-हाल में नुमायां बेहतरी पैदा हुई है । गुज़श्ता चंद दिन से ताज़ा तशद्दुद के किसी वाक़िया की इत्तिला नहीं मिली । मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंडे ने गोहाटी में चीफ़ मिनिस्टर आसाम तरो गोगोई से एक मुलाक़ात के बाद इद्दिआ किया कि सूरत-ए-हाल बड़ी हद तक बेहतर हो चुकी है ।

इन्ही ख़्यालात का इआदा करते हुए शिंडे ने कहा कि तरूण गोगोई ने उन्हें मौजूदा सूरत-ए-हाल की तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाया है और ये भी कहा है कि मुतास्सिरा अफ़राद ( पीड़ित लोग) अपने मकानों को मुताल्लिक़ा देहातों में वापस आना शुरू हो गए हैं । आसाम की सूरत-ए-हाल तेज़ी से मामूल के मुताबिक़ बहाल हो रही है ।

मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला ने कहा कि उन्हों ने काबीनी ( म‍ंत्रीमंडल) कमेटी बराए सयासी उमूर को कल इन वजूहात और हालात की तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवा दिया है जिन के नतीजा में बोडोलैंड ख़ुद इख़तियार इलाक़ाई कौंसल ने तशद्दुद का आग़ाज़ ( शुरुआत) हुआ था और सूरत-ए-हाल को मामूल पर लाने के लिए क्या इक़दामात ( कार्य/ काम) किए गए ।

चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि उन्हें क़ौमी ( राष्ट्रीय) आबादी रजिस्टर के बारे में ताज़ा हिदायात हासिल हुई हैं जिन में इन से ख़ाहिश की गई है कि मज़ीद ट्रब्यूनलस क़ायम किए जाएं ताकि रियासत में गै़रक़ानूनी तारकीन-ए-वतन (Refugee) का पता चलाया जा सके । उन्हों ने कहा कि रियासत में 100 ग़ैर मुल्की ट्रब्यूनलस की ज़रूरत है ।

लेकिन आसाम में बहुत कम तादाद में वज़ीफ़ा याब जज मौजूद हैं इस लिए वो मुताल्लिक़ा क़ानून में तरमीम के ख़ाहां हैं ताकि दीगर रियास्तों ( दूसरे राज्यो) से वज़ीफ़ा याब जजस का तक़र्रुर किया जा सके । चीफ़ मिनिस्टर ने मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला से तशद्दुद ज़दा इलाक़ों की ताज़ा तरीन सूरत-ए-हाल पर तबादला-ए-ख़्याल किया और मर्कज़ी हुकूमत से ख़ाहिश की कि हुकूमत आसाम की पेश करदा तजावीज़ को मंज़ूरी दी जाय ।

उन्होंने शिंडे से दरख़ास्त की कि क़ानूनी कार्रवाई का आग़ाज़ किया जाय ताकि गै़रक़ानूनी तारकीन-ए-वतन का पता चलाकर इन का इख़राज (बहिष्कार) किया जा सके । उन्हों ने मर्कज़ी वज़ीर बराए देही तर कुयात जय राम रमेश से भी मुलाक़ात की और प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना पर अमल आवरी के सिलसिले में तबादला-ए-ख़्याल ( बातचीत) किया ।

जय राम रमेश ने गोगोई को तीक़न दिया कि सड़क के ज़रीया आसाम के तमाम देहातों को मरबूत करने की मंज़ूरी दी जाएगी । ऐसे तमाम देहातों में भी जहां की आबादी कम अज़ कम 500 अफ़राद की हो । 2012-13 और 2013-14 माली सालों के दौरान सड़कों के ज़रीया मरबूत कर दिया जाएगा ।