आसाम में तशद्दुद जारी, अलैहदा रियासत के मुतालिबे में शिद्दत

ज़िला कर्बी आंगलांग में कई सरकारी इदारों को नज़र-ए-आतिश कर दिया गया, पटरियां उखाड़ दी गईं
आसाम के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में तशद्दुद और एहतेजाज जारी है और ज़िला कर्बी आंगलांग में तशद्दुद इंतिहा को पहूंच गया है जहां मुख़्तलिफ़ सरकारी दफ़ातिर को आग लगादी गई और पटरियां उखाड़ कर फेंक दी गईं।

मुख़्तलिफ़ तंज़ीमों से वाबस्ता कारकुनों ने तेलंगाना के ख़ुतूत पर अलैहदा रियासत तशकील देने का मुतालिबा करते हुए तशद्दुद बरपा किया है। एहतेजाजियों ने कल रात ज़िला भर में वाक़्य वेटरनरी, आबपाशी, ज़राअत, सेहत, इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सरवीस और पब्लिक वर्क़्स डेवलपमेंट के दफ़ातिर को आग लगादी।

एहतेजाजियों ने दीफू और डलडोली स्टेशनों के दरमियान रेलवे पटरियों को उखाड़ कर फेंक दिया जिस से ट्रेन सरविस मुतास्सिर होगई। मग़रिबी कर्बी आंगलांग पुलिस ज़िला में ग़ैर मुअय्यना मुद्दत का कर्फ़यू नाफ़िज़ है जबकि दीफू के ज़िला हेडक्वार्टर्स टाउन में इमतिनाई अहकाम नाफ़िज़ किए गए हैं। यहां पर सुबह 8 बजे से 3 घंटों की नरमी दी गई।

सियोल नज़म-ओ-नसक़ ने तशद्दुद पर क़ाबू पाने के लिए फ़ौज को तल्ब किया था, फ़ौज ने यहां फ्लैग मार्च किया। अवाम के अंदर एतिमाद बहाल करने के लिए तशद्दुद से मुतास्सिरा इलाक़ों में फ़ौज तायनात की गई है। ईसी दौरान यूनाईटेड पीपल्ज़ डेमोक्रेटिक सालीडेरीटी जिस ने मर्कज़ और हुकूमत आसाम के दरमियान अमन के लिए तसफ़ीया याददाश्त में सा लस्सी का रोल अदा किया था और 5 नवंबर 2011 को दिल्ली में मसला हल किया था, आज इस याददाश्त मुफ़ाहमत को फाड़ दिया और दावा किया कि अब ये मुआहिदा तवील मुद्दत तक काबुल अमल नहीं रहेगा।

उस वक़्त के यू पी डी ऐस जनरल सैक्रेटरी हरेन सिंह बे और जवाइंट सैक्रेटरी वज़रो मक्कारिंग ने अपने हामीयों के दरमियान इस याददाश्त मुफ़ाहमत को फाड़ दिया। अब ये दोनों कर्बी आंगलांग ख़ुदमुख़तार ज़िला कौंसल के अरकान हैं। दिसम्बर 2011 में मर्कज़ से अमन मुआहिदे के बाद यू पी डी एस को ख़त्म कर दिया गया था।

इस तंज़ीम की बर्ख़ास्तगी के बाद अरकान ने ख़ुद को सियासी पार्टी से वाबस्तगी इख़तियार करली थी। ईसी दौरान आसाम के वुज़रा पृथ्वी माझी और राजी लोछन तशद्दुद से मुतास्सिरा ज़िले के लिए रवाना हुए हैं ताकि सूरत-ए-हाल का जायज़ा लिया जा सके। ज़िले में अमन की बरक़रारी के लिए इक़दामात किए जा रहे हैं।

सरकारी ज़राए ने कहा कि तशद्दुद में 4 अफ़राद ज़ख़मी हुए थे। 300 अफ़राद के हुजूम को मुंतशिर करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की थी। ये हुजूम पुलिस चौकी को नुक़्सान पहुंचा रहा था। हुजूम ने अपने गिरफ़्तार शूदा 7 साथीयों की रिहाई का मुतालिबा करते हुए पुलिस मुलाज़मीन पर हमले भी किए थे। हुजूम के हमले में 7 पुलिस मुलाज़मीन भी ज़ख़मी हुए थे।