आसाम में दर्ज फ़हरिस्त ज़ातों पर मज़ालिम मामूली

गोहाटी: क़ौमी कमीशन बराए दर्ज फ़हरिस्त ज़ातों ने इस बात की निशानदेही की है कि आसाम में दर्ज फ़हरिस्त ज़ातों पर मज़ालिम की शरह मामूली नौईयत की है। मुल्क के दीगर हिस्सों के मुक़ाबिल आसाम में इस तरह के वाक़ियात कम होते हैं। क़ौमी कमीशन बराए एस सी रुकन राजू परमर् ने कहा कि हम ने कल से दो रोज़ा आसाम का दौरा किया था और चीफ़ मिनिस्टर तरूण गोगोई से मुलाक़ात की सरकारी ओहदेदारों और दीगर से बातचीत के बाद हम को पता चला कि आसाम में रहने-ओ-अले दर्ज फ़हरिस्त ज़ातों पर मज़ालिम के वाक़ियात बहुत ही कम हुए हैं।

इन मज़ालिम की शरह में कमी एक अच्छी अलामत है मुल्क के दीगर हिस्सों की बनिसबत ये एक मुसबत बेहतरी है। हिन्दुस्तान की दीगर रियासतों में एससी तबक़े को शदीद मज़ालिम का सामना है। एस सीज़ की बहबूद से मुताल्लिक़ मुनाक़िदा इजलास के नताइज के बारे में उन्होंने कहा कि मुल्क की आबादी का 7.2 फ़ीसद हिस्से एससी तबक़ा का है। सरकारी शोबों में भी उनकी नुमाइंदगी एस सी आबादी के तनासुब से मुनासिब ही है।