चीफ मिनिस्टर आसाम तरूण गोगोई ने आज कहा कि ज़ेरीं(निचले) आसाम के अज़ला में सूरत-ए-हाल बेहतर होरही है। दो लाख 82 हज़ार बेघर अफ़राद राहत रसां कैंपों से अपनी क़ियामगाहों में वापिस आचुके हैं। उन्हों ने कहा कि गुज़श्ता चंद दिन से तशद्दुद का कोई नया वाक़िया पेश नहीं आया।
ख़ौफ़ और अदम तहफ़्फ़ुज़ का पनाह गुज़ीनों में जो एहसास था जिस से अवाम मुतास्सिर हुए थे, उन का एतिमाद बहाल होरहा है और वो अपनी क़ियामगाहों को वापिस जा रहे हैं।
गोगोई ने कहा कि राबिता कमेटी का उगला इजलास जो गुज़श्ता हफ़्ता क़ायम की गई है, बेघर अफ़राद की बाज़ आबादकारी के कामों की निगरानी करेगी।
6 सितंबर को कमेटी का इजलास कोकराझार में मुनाक़िद होगा जिस में पनाह गुज़ीनों को अऩ्न के मकानों में वापिस लाने के तरीका कार पर ग़ौर किया जाएगा।
उन्हों ने कहा कि हुकूमत के इक़दामात को मुख़्तलिफ़ सयासी पार्टियों और दीगर तनज़ीमों की ताईद हासिल है। रियासती हुकूमत ने जलूसों, मुज़ाहिरों और धरनों पर कोई इमतिना आइद नहीं किया है।
सयासी पार्टियों और दीगर तनज़ीमों से सिर्फ एसे इक़दामात से बाज़ रहने की अपील की गई है। उन्हों ने कहा कि ए जी पी और बी जे पी जैसी अपोज़ीशन पार्टियां और आल आसाम स्टूडैंटस यूनीयन (आसो) जैसी तनज़ीमें तारकीन वतन की तादाद को मुबालग़ा आराई के साथ पेश कर रही है।
क़ौमी रजिस्टर बराए शहरियान की कार्रवाई को बे ऐब बनाया जाएगा और एक रीटाइरड जज को स्पैशल कमिशनर मुक़र्रर किया जाएगा ताकि इस मसला से निमटा जा सके।
सूरत-ए-हाल के बारे में उन्हों ने दावा किया कि रियासत की सूरत-ए-हाल तेज़ी से बहाल होरही है और 119 पुलीस पिक़्टस क़ायम किए गए हैं जिन में से 6 कोकराझार और चीराइंग,
33 पिक़्टस उसे इलाक़ों में जिन्हें मख़दूश(खराब) क़रार दिया गया है, क़ायम किए गए हैं ताकि मुतासरीन बिना ख़ौफ़-ओ-ख़तर क़ियाम गाहों को वापिस आ सकें ।