नाबालिग से इस्मतरेज़ि मामले में जेल में बंद आसाराम की जमानत अर्जी पर बुध के दिन सुनवाई पूरी हो गई | कोर्ट ने इस मामले में फैसला महफूज़ सुरक्षित रख लिया है कोर्ट ने फैसला सुनाने का कोई वक्त तय नहीं किया है और आसाराम फिलहाल जेल में ही रहेंगे |
इससे पहले, पुलिस उन्हें सुबह 11 बजे लेकर कोर्ट पहुंची, करीब डेढ़ घंटे तक चली सुनवाई के बाद दोपहर 12.30 दोनों पार्टी की ओर से बहस पूरी हो गई |
हुकूमत की ओर से Additional Advocate General आनंद पुरोहित ने District and Sessions Judge(Rural) मनोज व्यास की कोर्ट में बुध के दिन अपना मौकिफ रखा
पुरोहित ने जज को बताया वाकिया के बाद मुतास्सिरा सदमे में थी, इसलिए एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई उन्होंने कहा, जिसे भगवान माना, उसने यह घिनौना काम किया |
एडवोकेट जनरल (Advocate General) ने कोर्ट में कहा कि मामले की जांच कर रहे डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस अजयपाल लांबा को धमकियां मिल रही हैं धमकी में कहा गया है कि मामला कुछ दिनों का ही है, बाबा जल्दी बाहर आ जाएंगे इसके बाद आप से निपट लेंगे यही नहीं, मामले को कमजोर करने के लिए पुलिस को लालच दिए जा रहे हैं वहीं आसाराम की ओर से पैरवी कर रहे वकील केके मेनन ने अपने तर्क रखे |
इससे पहले, आसाराम को मंगल के दिन कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली कोर्ट में दोपहर 2:30 बजे आसाराम की जमानत की दरखास्त र पर करीब दो घण्टे से ज़्यादा वक्त तक चली सुनवाई के दौरान आसाराम के वकील के.के. मनन ने उनके हक में दलीलें दी बहस पूरी होने के बाद अदालत ने सुनवाई बुध तक के लिए मुल्तवी कर दी थी |
जमानत के हक में दलील
तालिबा का इल्ज़ाम-वह एक-डेढ़ घण्टे चिल्लाती रही. …तो उसके वालिदैन को पता क्यों नहीं चला?
जबरदस्ती कपड़े उतारे गए थे तो उसके कपड़े फटे क्यूं नहीं? ऐसे कोई निशान तो होते |
मुतास्सिरा के स्कूल रिकॉर्ड में लिखवाई डेट आफ बर्थ ही असली डेट आफ बर्थ हो, जरूरी नहीं है |
मुतास्सिरा की मेडिकल जांच में भी काट-छांट है , लड़की की मेडिकल रिपोर्ट में जुर्म की तस्दीक नहीं होती है |
खिदमतगार शिवा ने खोले राज
आसाराम ख्वातीन से कई बार अकेले में मिलते रहे हैं |
आसाराम के पास अक्सर कई रियासतों के वज़ीर ए आला , वुजराओ,अदालती आफीसर और आला पुलिस अफसरों के फोनकॉल आते थे |
मुतास्सिरा को भूत-प्रेत भगाने के बहाने ही 14 अगस्त को यहां बुलाया गया था | आसाराम इससे वाकिफ थे |
नारायण ने संभाली कमान
आसाराम के जेल में बंद होने के बाद उनके बेटे नारायण साई ने कमान संभाल ली है. नई दिल्ली में मंगल के दिन एक रैली में साई ने हामियों का हौसला बनाए रखने के लिए आसाराम की तरह ही टोपी पहने हुए थे तेवर और हावभाव भी वैसे ही थे नारायण साई भी सुर्खियों में रहते हैं |
सेक्युरिटी दिए जाने पर हुकूमत की तंकीद
आसाराम को सख्त सेक्युरिटी दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हुकूमत की तंकीद की पुलिस सुधार और वीआईपी सेक्युरिटी में कटौती से मुताल्लिक एक मामले की सुनवाई करते हुए जज जीएस सिंघवी और वी. गोपाल गौड़ा की बेंच ने कहा कि हम टेलीविजन पर देख रहे हैं कि एक मुल्ज़िम को अच्छी सेक्युरिटी दी जा रही है हर कोई कहता है कि यह गैर मामूली है, लेकिन अब यही नियम बन गया है |
ऐसे मुल्ज़िम ड्रग और शराब के गैर कानूनी धंधे से शुरूआत करते हैं.
फिर सियासत या मज़हब में पैठ बनाते हैं
इसके बाद जमीन-जायदाद जमा कर ताकतवर बन जाते हैं
लोगों को अपनी ओर खीचने में ये माहिर होते हैं, पुराने फैसले उठा कर देखें तो ऐसे लोग संगीन जुर्म को अंजाम देते हैं |
हुकूमत की सफाई
आसाराम को सेक्युरिटी देने पर रियासती हुकूमत पहले साफ कर चुकी है कि हामियो के गुस्से को देखते हुए किसी भी नाखुशगवार सूरतेहाल से निपटने के लिए इजाफी पुलिस फोर्स लगाया गया है |
कामत का आसाराम मामले में दखल से तंकीद
आसाराम की गिरफ्तारी का फैसला पूरी तरह से राजस्थान हुकूमत का था उसे कानून के तहत जो मुनासिब लगा वही किया ऐसे मामलों में कांग्रेस कभी दखल नहीं देती है राजस्थान के कांग्रेस रियासती इंचार्ज गुरदास कामत ने मंगल के दिन यह कहा कामत ने कहा कि, आसाराम मामले में उनकी न तो वज़ीर ए आला अशोक गहलोत से बातचीत हुई व न ही वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिंदे से इस मामले में उनको लेकर जिस किसी ने भी खबर छापी है, वह पूरी तरह से गलत है |
वज़ीर ए आला गहलोत कह चुके हैं कि कानून अपना काम कर रहा है किसी पर कोई दबाव नहीं है गहलोत 26 अगस्त को कांग्रेस सदर सोनिया गांधी की सेहत पूछने दिल्ली आए थे |