राजस्थान के जोधपुर में एक अदालत ने संत आसाराम बापू को एक नाबालिग के साथ रेप करने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार करने के पांच महीने बाद उनके खिलाफ इल्ज़ाम तय कर दिए। एक वकील के ज़रिये यह मालूमात हासिल हुई । आसाराम के वकीलों में से एक प्रदीप चौधरी ने कहा कि जोधपुर (देही) के जिला व सेशन अदालत ने आसाराम पर लगाए गए Juvenile Justice Act Section 26 को खारिज कर दिया, जबकि दिगर सभी इल्ज़ामात को बरकरार रखा।
चौधरी ने बताया, “मुल्ज़िम को 13 फरवरी को उस पर लगाए गए इल्ज़ाम सुनाए जाएंगे।” आसाराम पर रेप , मुजरिमाना धमकी, गैर कानूनी तौर से बंदी बनाए रखने, खातून के साथ रेप करने के मकसद से उस पर ताकत का इस्तेमाल या मुज्रिमाना हमला करने और इसी मकसद से मुज्रिमाना साजिश रचने के इल्ज़ाम में मामला दर्ज किया गया है।
अदालत ने मामले में दिगर चार मुल्ज़िम साथियों और आसाराम के साथियों शिल्पी, शिवा, प्रकाश और शरद पर भी इल्ज़ाम तय कर दिए। पुलिस ने गुजश्ता साल नवंबर में आसाराम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था।
आसाराम पर एक 16 साल की लड़की ने 20 अगस्त को अपने साथ जोधपुर वाकेय् अपने आश्रम में इस्मतरेज़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद आसाराम को मध्य प्रदेश के इंदौर वाकेय् उनके आश्रम से गिरफ्तार कर एक सितंबर को जोधपुर लाया गया। आसाराम यहां दो सितंबर से जोधपुर के सेंट्रल जेल में अदालती हिरासत में हैं।