नई दिल्ली, 24 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ जिंसी इस्तेहसाल के मामले की सीबीआई से जांच कराने का हुक्म देने से इनकार कर दिया है | सुप्रीम कोर्ट ने उस मुफाद ए आम्मा की दरखास्त को खारिज कर दिया जिसमें मामले की आली अदालत की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई थी | नाबालिग से जिंसी इस्तेहसाल के इल्ज़ाम में आसाराम जेल की हवा खा रहे हैं. वह 30 सितंबर तक जोधपुर की सेंट्रल जेल में रहेंगे.
जस्टिस एके पटनायक की बेंच ने फास्ट ट्रैक ट्रायल के हिदायत देने से भी इनकार कर दिया अदालत ने कहा कि कानून बनाना MPs का काम है | चेन्नई के डीआई नाथन ने वकील एन.राजारमन के जरिए दरखास्त दाखिल की थी दरखास्तगुज़ार ने वज़ारत ए दाखिला को इस बात की हिदायत देने की मांग की थी कि वह बच्चों और नाबालिगों के खिलाफ जिंसी इस्तेहसाल के मामलों की जांच खातून पुलिस टीम से कराने के लिए सभी जिलों में एसपी सतद के आफीसरो को हिदायत दें इस पर बेंच ने कहा कि हम MP नहीं हैं आप अपनी शिकायतें MPs के पास ले जाएं |
दरखास्तगुज़ार ने कहा कि जूवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 का मकसद हासिल नहीं हो पा रहा है पुलिस और स्टेट अथॉरिटीज मुसलसल इसकी खिलाफवर्जी कर रही है मुल्ज़िम प्राइवेसी और नाबालिग मुतास्सिरो की ज़िंदगी जीने के हुकूक की खिलाफवर्जी कर रहे हैं |नाबालिग मुतास्सिरो के खिलाफ मुल्ज़िमो की जांच करने वाली पुलिस जूवेनाइल एक्ट के मकसद की खिलाफवर्जी कर रहे हैं | मीडिया भी इसमें शामिल है |