वकील इस्तिग़ासा ने आज आसाराम बापू की ज़मानत पर रिहाई की दर्ख़ास्त की मुख़ालिफ़त करते हुए कहा कि वो एक नाबालिग़ लड़की पर जिन्सी हमला करने के मुल्ज़िम हैं।
मुक़द्दमा की तहक़ीक़ात मुतास्सिर होसकती हैं अगर उन्हें ज़मानत पर रेहा कर दिया जाये। इस्तिग़ासा ने अदालत से कहा कि तफ़तीश के दौरान आसाराम ने मुबय्यना तौर पर पुलिस पर असरअंदाज़ होने की कोशिश की थी। अगर उन्हें ज़मानत पर रेहा कर दिया जाये तो वो तहक़ीक़ात पर मज़ीद असरअंदाज़ होंगे।
ऐडीशनल ऐडवोकेट जेनरल आनंद पुरोहित ने कहा कि एफ़ आई आर में दो अफ़राद के नाम दर्ज हैं। छंद वारा गुरूकुल की वार्डन शिल्पी और गुरूकुल की देख भाल करने वाला शरद दोनों मफ़रूर हैं। उनसे तफ़तीश के बगै़र तहक़ीक़ात नामुकम्मल रहेंगी और उनकी गिरफ़्तारी से पहले आसाराम की ज़मानत पर रिहाई नामुनासिब है।