आसिफ़ ज़रदारी : मनमोहन सिंह तामीरी मुलाक़ात मुतवक़्क़े

पाकिस्तान ने आज कहा कि वो सदर आसिफ़ अली ज़रदारी और वज़ीर-ए-आज़म हिंद डाक्टर मनमोहन सिंह के दरमयान होने वाली मुलाक़ात के तामीरी होने की तवक़्क़ो रखता है, लेकिन कश्मीर या न्यूक्लीयर मुज़ाहमत की बरक़रारी जैसे अहम मसाएल पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

सदर-ए-पाकिस्तान आसिफ़ ज़रदारी अपने दौरा हिंदूस्तान की तैयारी कर रहे हैं और वो वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के साथ ज़ुहराना पर मुलाक़ात के बाद अजमेर शरीफ़ में दरगाह हज़रत ख़्वाजा मुईन उद्दीन चिशती ( र०) पर हाज़िरी देंगे। वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तान यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने आज पार्लीमेंट को बताया कि इनकी हुकूमत दोनों क़ाइदीन की बातचीत पर अरकान पार्लीमान को एतेमाद में लेगी और पाकिस्तान, हिंदूस्तान के साथ कश्मीर के बिशमोल तमाम अहम मसाइल पर मुज़ाकरात के लिए पाबंद-ए-अह्द है।

ईस्लामाबाद ने ये भी कहा कि 8 अप्रैल को नई दिल्ली में होने वाली मुलाक़ात बैन इलाक़ाई अमन के लिए सूदमंद साबित होगी। मैं आप को तीक़न देता हूँ कि मेरी हुकूमत एक ज़िम्मेदार हुकूमत है। हिंदूस्तान के साथ जारी बातचीत में हम कश्मीर, सियाचिन, पानी और हर चीज़ के बिशमोल तमाम अहम मसाएल पर ग़ौर कर रहे हैं। क़ौमी असेंबली और सेंट के मुशतर्का सेशन से ख़िताब करते हुए गिलानी ने कहा कि सदर आसिफ़ ज़रदारी अजमेर में हज़रत ख़्वाजा मुईन उद्दीन चिशती ( र०) की दरगाह शरीफ़ पर हाज़िरी देने के लिए हिंदूस्तान का ख़ानगी दौरा करने का इरादा रखते थे, लेकिन वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने उन्हें ज़ुहराना पर मदऊ किया।

आसिफ़ ज़रदारी ने मनमोहन सिंह की दावत को कुबूल कर लिया है। गिलानी ने अपोज़ीशन लीडर की जानिब से उठाए गए नकात के जवाब में ये ब्यान दिया। गिलानी ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने इनसे कहा है कि वो कश्मीर के बिशमोल तमाम मसाएल पर बातचीत के लिए तैयार हैं लिहाज़ा बातचीत की मेज़ पर तमाम उमूर को रखा जाए।

दफ़्तार-ए-ख़ारजा के तर्जुमान अबदुल बासित ने क़ब्लअज़ीं अपनी हफ़तावार प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि पाकिस्तान दोनों क़ाइदीन के दरमयान तामीरी मुज़ाकरात का मुतमन्नी है। एतवार के दिन सदर आसिफ़ अली ज़रदारी के एक रोज़ा तवील ख़ानगी दौरा पर ये बातचीत होगी।

हमारा ख़्याल है कि सदर ज़रदारी और वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के दरमयान होने वाली मुलाक़ात बैन इलाक़ाई अमन को फ़रोग़ देने केलिए सदर-ए-पाकिस्तान के नज़रिया की तकमील की सिम्त अहम पेशरफ़त होगी। सदर-ए-पाकिस्तान इस इलाक़ा को दुनिया में सबसे ख़ुशहाल और पुरअमन इलाक़ा बनाने के मुतमन्नी हैं।ज़रदारी का दौरा-ए-हिंद 2005 के बाद से किसी पाकिस्तानी सरबराह ममलकत का पहला सफ़र है ।

बासित ने कहा कि कश्मीर तनाज़ा दोनों मुल्कों के दरमियान कलीदी मसला है और पाकिस्तान का मानना है कि इसकी मुंसिफ़ाना यकसूई जुनूबी एशिया में देरपा अमल के लिए कलीदी हैसियत रखती है । इन्होंने कहा कि जम्मू-ओ-कश्मीर तनाज़ा के बारे में हमारे मौक़िफ़ को बदलने का कोई सवाल ही नहीं उठता ।

हिंदूस्तानी बहरीया में रूसी साख़ता न्यूक्लियर आबदोज़ की हालिया शमूलीयत के ताल्लुक़ से पूछने पर तर्जुमान ने कहा कि पाकिस्तान अपनी मुज़ाहमत के लिए काबिल-ए-भरोसा वसाइल बरक़रार रखने के ताल्लुक़ से बख़ूबी वाक़िफ़ है।