किरण कुमार रेड्डी की फिर एक मर्तबा पार्टी से बग़ावत, इंटरव्यू में मर्कज़ी हुकूमत पर तन्क़ीद
चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने एक बार फिर पार्टी क़ियादत से बग़ावत करते हुए कहा कि आख़िरी गेंद पड़ने तक खेल मुकम्मल नहीं होता। उन्हें पार्टी और सियासत से ज़्यादा रियासत के मुफ़ादात और अवामी जज़बात अज़ीज़ हैं। उन्होंने राज्य सभा टेलीविज़न को इंटरव्यू देते हुए कहा कि सियासी जमातों को अवामी राय का एहतिराम करना चाहीए, जबकि अवाम रियासत की तक़सीम के ख़िलाफ़ सड़कों पर निकल कर एहतेजाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि साढे़ छः लाख सरकारी मुलाज़मीन तनख़्वाहों की परवाह किए बगै़र रियासत को मुत्तहिद रखने के लिए तहरीक चला रहे हैं, सीमा। आंध्र में तक़रीबन दो माह से एहतेजाज जारी हैं, मगर मर्कज़ी हुकूमत उसको नजरअंदाज़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि मुंतख़ब नुमाइंदे ही अवाम को जवाबदेह होते हैं, इस लिए तेलंगाना के फ़ैसले के बाद रियासत में ग़ैर यक़ीनी सूरत-ए-हाल पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश के अवाम ने मर्कज़ में यू पी ए हुकूमत की तशकील में दो मर्तबा अहम रोल अदा किया। एमरजैंसी के दौरान भी रियासत से कांग्रेस के 41 अरकान-एपार्लियामेंट मुंतख़ब हुए थे, लिहाज़ा ऐसी रियासत को कांग्रेस हाईकमान की जानिब नजरअंदाज़ करना मुनासिब नहीं है। उन्होंने कहा कि वो किसी इलाक़े के नहीं बल्कि मुत्तहदा आंध्रप्रदेश के चीफ़ मिनिस्टर हैं, इस लिए अवाम की अक्सरीयती राय से पार्टी क़ियादत और मर्कज़ी हुकूमत को वाक़िफ़ करा रहे हैं।
अवाम के सामने रियासत की तक़सीम की वज़ाहत ज़रूरी है। रियासत की तक़सीम से जो मसाइल पैदा हो रहे हैं, इनका हल तलाश किए बगै़र आगे बढ़ना मुनासिब नहीं है, जबकि रियासत के सदर मुक़ाम हैदराबाद पर मज़ीद मुज़ाकरात की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि रियासत की तक़सीम एक संजीदा मसला है, लिहाज़ा हाईकमान को सोच समझ कर आगे क़दम बढ़ाना चाहीए। चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि मुल्क में आज तक एक ही नदी से दो रियास्तों को मुसावी पानी नहीं दिया गया, जब कि ट्रिब्यूनल और दीगर इदारे इंसाफ़ करने में नाकाम हो गए।
तालीम, सेहत, मुलाज़मतों और दीगर मसाइल भी दरपेश हैं, लिहाज़ा रियासत की तक़सीम से सीमा- आंध्र के किसानों को बहुत बड़ा नुक़्सान होगा। उन्होंने फ़ज़ल अली कमीशन रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक ही रियासत में रहने से कृष्णा और गोदावरी के पानी का इस्तिमाल मुम्किन है। चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि वो भी हैदराबाद में पैदा हुए, मगर हैदराबाद हमारा है जैसा नारे लगाना मुनासिब नहीं है। उन्होंने कहा कि रियासत की तक़सीम से दोनों इलाक़ों को नुक़्सान होगा, जब कि अवामी जज़बात का एहतिराम करना हमारी ज़िम्मेदारी है।