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आज़मीने हज को यूज़र चार्जस में रियायत देने जी एम आर का इनकार

वक़्फ़ जायदादें मुसलमानों की फ़लाह-ओ-बहबूद और सहूलयात की फ़राहमी के लिए मुख़तस हैं लेकिन इन वक़्फ़ जायदादों का बेजा इस्तेमाल कर के मुसलमानों का इस्तेहसाल और उनकी हक़तलफ़ी करने की ज़िंदा मिसाल जी एम आर कंपनी की तरफ से तैयार करदा शमसआबाद इंटरनेशनल एरपोर्ट है जहां से फ़रीज़ा हज की अदाएगी के लिए रवाना होने वाले रियासती आज़मीन हज को किसी किस्म की रियायत नहीं दी जाती।

हज 2013 के इंतेज़ामात के सिलसिले में आज मुनाक़िदा जायज़ा मीटिंग में जी एम आर कंपनी के ओहदेदारों ने जारीया साल आज़मीन हज को यु डी एफसी किसी किस्म की रियायत देने से साफ़ इनकार करदिया।

फ़ी आज़िम हज से 1800 रुपये यू डी एफ वसूल किया जा रहा है जो आज़मीन हज पर ज़ाइद बोझ है। मीटिंग में वज़ीर अकलियती बहबूद अहमद उल्लाह और सेक्रेटरी अकलियती बहबूद अहमद नदीम की मौजूदगी के बावजूद जी एम आर कंपनी के ओहदेदारों ने वक़्फ़ अरासी पर तामीर करदा एरपोर्ट से गुज़रने वाले मुसलमानों को कोई रियायत देने से इनकार करदिया।

ये सरासर वक़्फ़ जायदादों का इसतेमाल करते हुए मुसलमानों के साथ ज़्यादती है। जी एम आर कंपनी चोरी पे सीना ज़ोरी का मुज़ाहरा करते हुए यू डी एफ चार्जस वसूल कर रही है जबकि पिछ्ले साल यूज़र डेवलपमेंट फीस में 50 फ़ीसद की रियायत दी गई थी।

हज कैंप की तैयारीयों का जायज़ा लेते हुए मीटिंग में 23 सितंबर से शुरू होने वाले हज कैंप के लिए बेहतर इंतेज़ामात पर ख़ुसूसी तवज्जा दी गई।

25 सितंबर से आज़मीन हज की परवाज़ों का आग़ाज़ होगा।.आंध्र प्रदेश से तकरीबन 7800 आज़मीन हज रियासती हज कमेटी के ज़रीये सऊदी अरब एरलायंस की 25 चार्टर्ड फ़्लाईटस से मुक़द्दस फ़रीज़ा हज की अदाएगी के लिए रवाना होंगे।

वाज़िह रहे कि रियासती हुकूमत मुसलमानों को हर शोबे में सहूलतें फ़राहम करने का दावा करती है लेकिन मुक़द्दस मज़हबी फ़रीज़ा की अदाएगी के लिए रवाना होने वाले आज़मीन से वसूल किए जाने वाले यूज़र चार्जस को नाफ़िज़ ना करने जी एम आर कंपनी को बाज़ रखने से क़ासिर है।

वक़्फ़ जायदादों का बेजा इस्तेमाल करते हुए मुसलमानों की हक़तलफ़ी की जा रही है। जिस वक़्फ़ ज़मीं पर एरपोर्ट तामीर किया गया है, वहां यूज़र चार्जस का इस्तेमाल ज़्यादती है।

हुकूमत की ज़िम्मेदारी हैके आज़मीन हज के लिए ज़्यादा से ज़्यादा सहूलतें फ़राहम करें लेकिन वज़ीर अकलियती बहबूद अहमद उल्लाह ने मीटिंग में आज़मीन हज से वसूल की जाने वाली यू डी एफ 1800 रुपये को बर्ख़ास्त कराने की कोशिश नहीं की।

अगर वो इस रक़म को बर्ख़ास्त कराने में कामयाब होते तो रियासती आज़मीन हज को 1,40,40,000 रुपये की बचत होती। ताहम उन्होंने 50 फ़ीसद रियायत के सिलसिले में जी एम आर कंपनी से नुमाइंदगी का यकीन दिया।

उन्होंने हज हाउज़ में काराब इंतेज़ामात की शिकायात का जायज़ा लेते हुए इस साल एसी कोई शिकायत का मौक़ा ना देने का यक़ीन ज़ाहिर किया और कहा कि पिछ्ले साल से बेहतर इस साल हज कैंप के इंतेज़ामात मिसाली बनाए जाएंगे।

मीटिंग के बाद अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए वज़ीर-ए-अकलियती बहबूद ने कहा कि हज कैंप में आज़मीन-ए-हज्ज के क़ियाम-ओ-ताम के सिलसिले में बेहतरीन इंतेज़ामात किए जाऐंगे।

उन्होंने कहा कि इंतेज़ामात को क़तईयत दी जा चुकी है और इस मर्तबा पिछ्ले साल से बेहतर इंतेज़ामात को यक़ीनी बनाया जाएगा। मीटिंग में शरीक मुख़्तलिफ़ मह्कमाजात के ओहदेदारों ने बेहतर इंतेज़ामात में मुकम्मिल तआवुन का यक़ीन दिलाया।

अहमद उल्लाह ने बताया कि मक्का मुकर्रमा की हैदराबादी रबात में आज़मीन-ए-हज्ज के क़ियाम के मसले की अंदरून दो दिन् यकसूई होजाएगी।

उन्होंने बताया कि सेंट्रल हज कमेटी नाज़िर रबात और एच ई एच् डि निज़ाम वक़्फ़ कमेटी के ज़िम्मेदारों के दरमयान इस मसले की यकसूई के सिलसिले में बातचीत होचुकी है।

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