आज़ाद फ़लस्तीन का क़ियाम रोकने अमरीका की कोशिश

वाशिंगटन 14 सितंबर (यू एन आई) इसराईल और फ़लस्तीनीयों के दरमयान अमन मुज़ाकरात को बहाल करने और फ़लस्तीनी इंतिज़ामीया की अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में ममलकत फ़लसतीन को तस्लीम कराने की कोशिश को रोकने की ख़ातिर अमरीका के आला ओहदेदार जारीया हफ़्ते मशरिक़ वुस्ता का दौरा कर रहे हैं। मशरिक़े वुस्ता केलिए अमरीका के सफ़ीर डेविड हील और वाईट हाऊस के एक सीनीयर ओहदेदार डेनिस रास का दौरा इसराईल और फ़लस्तीनी क़ियादत के दरमयान मज़ाकराती अमल के आग़ाज़ कराने की एक कोशिश है।अमरीका की तरफ़ से उन कोशिशों में तेज़ी का मक़सद अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असैंबली में फ़लस्तीनीयों की जानिब से पेश की जाने वाली एक दरख़ास्त को रोकना है जिस के ज़रीये वो 19 सितंबर को शुरू होने वाले असंबली के इजलास में मुकम्मल रुकनीयत हासिल करने की कोशिश करेंगे। अमरीका के मशरिक़ वुस्ता केलिए एलची डेविड हील और वाईट हाऊस के एक सीनीयर ओहदेदार डेनिस रास के दौरे का मक़सद दोनों फ़रीक़ों के दरमयान मज़ाकरत का आग़ाज़ है।अमरीकी ओहदेदारों को ख़दशा है कि फ़लस्तीन की इस कोशिश से बराह-ए-रास्त अमन मुज़ाकरात की कोशिशों का अमल मज़ीद पेचीदा हो सकता है। इसराईल और फ़लस्तीनीयों के दरमयान गुज़श्ता साल अमन मुज़ाकरात उस वक़्त मुअत्तल हो गए थे जब इसराईल ने इस ज़मीन पर यहूदी बस्तीयों की तामीर पर दस माह से आइद पाबंदी ख़तम कर दी थी जिसे फ़लस्तीनी अपनी अलग रियासत के क़ियाम केलिए नागुज़ीर समझते हैं।इसराईल इस फ़लस्तीनी कोशिश के ख़िलाफ़ अपने हामी तलाश कर रहा है क्योंकि वो समझता है कि इस का मक़सद उसे बैन-उल-अक़वामी सतह पर तन्हा कर देना और इस के इक़दामात को गै़रक़ानूनी हैसियत देने के साथ साथ तनाज़ा को नए मुक़ामात तक तौसीअ देना है जिन में बैन-उल-अक़वामी फ़ौजदारी अदालत का दायरा कार भी शामिल ही।फ़लस्तीनीयों को इस वक़्त अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में मुबस्सिर का दर्जा हासिल है और वो वोट नहीं दे सकती। मुकम्मल रुकन बनने केलिए उन की दरख़ास्त अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती कौंसल के पास जाएगी जहां अमरीका ने कहा है कि वो उसे वीटो कर देगा।अमरीका और इसराईल की ये दलील है कि आज़ाद रियासत फ़लस्तीन का मसला हल करने केलिए दोनों फ़रीक़ों को मुज़ाकरात की मेज़ पर बैठना चाहये।
सिफ़ारत कारों का कहना है कि अभी ये बात वाज़िह नहीं कि आइन्दा हफ़्ते अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असैंबली में फ़लस्तीनी किया हिक्मत-ए-अमली इख़तियार करेंगी। फ़लस्तीनीयों को जनरल असैंबली के अराकीन की सादा अक्सरीयत दरकार है। फ़लस्तीनी इंतिज़ामीया मग़रिबी किनारे और ग़ज़ा पट्टी पर मुश्तमिल फ़लस्तीनी रियासत के लिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की मुकम्मल रुकनीयत हासिल करने की बजाय ग़ैर रुकन रियासत का दर्जा हासिल करने की कोशिश कर सकती है जिस के लिए 193अराकीन पर मुश्तमिल असैंबली की सादा अक्सरीयत दरकार है।ताहम अमरीका ने कहा है कि वो उस की हिमायत नहीं करेगा।दफ़्तार-ए-ख़ारजा की तर्जुमान ख़ातून विक्टोरिया नौ लैंड ने पीर को कहा, हमारा नुक्ता-ए-नज़र ये है कि अपने हमसाइयों के साथ पुरअमन अंदाज़ में रहने वाली एक मुस्तहकम और महफ़ूज़ रियासत का क़ियाम सलामती कौंसल या जनरल असैंबली की बजाय सिर्फ मुज़ाकरात में मुज़म्मिर ही।