पटना मुंसिपल कॉर्पोरेशन के इंजीनियर ललन प्रसाद सिंह पर निगरानी का शिकंजा कस गया है। निगरानी टीम अबतक उनके ढाई करोड़ से ज्यादा की मनकूला गैर मनकूला जायदाद का पता लगाने में कामयाब रही है। इसमें डेढ़ करोड़ का पटना वाकेय आलीशान मकान भी शामिल है। उनके 18 बैंक अकाउंट का पता चला है।
आमदनी से ज़्यादा जायदाद के मामले में निगरानी ब्यूरो ने मंगल को ललन प्रसाद सिंह के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी। उनके पाटलिपुत्र स्टेशन के पास वाकेय रिहाहीशगाह , पाटलिपुत्र के आनंद पैलेस अपार्टमेंट के फ्लैट, शेखपुरा के हथियावां वाकेय अबाई गांव और दफ्तर की तलाशी ली गई थी। एडीजी निगरानी रवींद्र कुमार ने बताया कि पाटलिपुत्र स्टेशन के पास वाकेय उनके चार मंजिला मकान की कीमत करीब 1.5 करोड़ आंकी गई है। यह मकान 45 सौ वर्गफीट में बना है।
इसके अलावा शेखपुरा के रसलपुर और नालंदा के करौन टाल में बीवी नीलम देवी के नाम से डेढ़-डेढ़ एकड़ के दो प्लॉट हैं। पाटलिपुत्र के आनंद पैलेस का फ्लैट बेटा अभिषेक के नाम पर है। 1.40 लाख के बॉड, एलआईसी में प्रीमियम के तौर पर करीब 8 लाख रुपए जमा कराने के सुबूत मिले हैं। एसबीआई और बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक, मौर्यालोक शाख में खुद, बीवी और बेटे के नाम पर 12 अकाउंट है। दूसरे बैंकों में भी खातों का पता चला है। तीन गाड़ियां और दो सौ ग्राम सोना के अलावा करीब छह किलोग्राम चांदी के सिक्के व बर्तन मिले। मुखतलिफ़ माली अदारों में सरमायाकारी के कागजात भी निगरानी के हाथ लगे हैं।
एडीजी के मुताबिक ललन प्रसाद सिंह की तंख्वाह और दीगर सोर्स से करीब 51 लाख की आमदनी होती है, जबकि उनके ठिकानों पर छापेमारी में तकरीबन 2 करोड़ 55 लाख 72 हजार की जायदाद का पता चला है। इसमें बैंक खातों में जमा रकम शामिल नहीं है। जांच के दौरान जायदाद में और इजाफा होने की पूरी इमकानात है।