इंटरनेट पर भी हो रहा मुखालिफत, चल रहा ऑनलाइन दस्तखत मुहिम

पटना : वजीरे आजम नरेंद्र मोदी के वजीरे आला नीतीश कुमार पर डीएनए से मुतल्लिक़ बयान पर इंटरनेट पर भी मुखालिफत की शुरुवात हो गया है। सौरभ चौहान नाम के एक सख्श ने ‘चेंज डाट ओआरजी’ वेबसाइट पर ‘टेक बैक योर वडर्स ‘ नाम से कैंपेन चलाया है। इस पर वजीरे आजम नरेंद्र मोदी के नाम बिहार की आम अवाम के नाम से खत लिखा है। इस पर डीएनए से मुतल्लिक़ वजीरे आजम के बयान पर 160 लफ्जों में अपने नाम और फेसबुक अकाउंट के साथ तहरीरी मुखालिफत जताया जा सकता है। खबर लिखे जाने तक चेंज डाट ओआरजी नामी इस ब्लॉग पर आठ सौ से ज़्यादा लोगों ने अपना दस्तखत कर ऑनलाइन मुखालिफत जताया है। 110 लोगों ने री-टवीट कर कैंपेन को आगे बढ़ाया है। इस वेबसाइट की जानकारी खुद वजीरे आला नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट में दी है।

खत में वजीरे आला के मुजफ्फरपुर की इजलास की बहस की गयी है। इसमें कहा गया है कि उस इजलास में अपने खिताब के दौरान आपने हमारे वजीरे आला नीतीश कुमार के डीएनए पर भद्दी तबसीरह की। इस तरह आपने चुने हुए नुमाइंदों की इज्ज़त और नस्ल को ठेस पहुंचायी है। साथ ही अपने पूरे बिहार की अवाम की किरदार को भी इजतेमाई तौर से ठेस पहुंचायी है। आपकी इस तब्सिरह से हमें बुरी तरह से आहत किया है।

इस सिलसिले में वजीरे आला ने आपको खुला खत भी लिखा था। जिसमें आवाम की तरफ से मांग की थी कि हमारी विरासत और कल्चर को आपने ठेस पहुंचायी है। उन्होंने आपसे अपने लफ्जों को वापस लेने की दरख्वास्त किया था। लेकिन, आपने लफ्जों को वापस लेने की बजाय आपने एक दूसरी तब्सिरह कर दी। इसमें आपने फिर से हमे बेइज्ज़त किया है। इस बार आपने हमारे रियासत को बीमारू और हम सभी ‘रियासत के बाशिंदों को ‘ दुर्भाग्यशाली कह डाला।

अब हमलोगों ने दस्तखत मुहिम की शुरूआत की है। हमें यह यकीन है कि इस बार आप हमारी बातों को संजीदा लेंगे और आप अपनी कही हुई चीजों पर पछतावा करेंगे। जम्हूरियत में जब कोई चुना नुमाइंदा अवामी समुदाय की भावनाओं का इज्ज़त नहीं करता है, तो लोग मजबूर से जम्हूरियत के जरिये के सहारे अपनी जरूरत और मांगों को बताना भी जानते हैं। हम सभी बिहारवासी जो अपने रियासत से बहुत प्यार करते हैं, मुत्तहिद होकर खड़े हैं और अपने दस्तखत कर आपसे एक ही बात कहना चाहते हैं कि अपने लफ्ज वापस ले लें। ‘टेक बैक योर वडर्स’।