इंटरनैशनल कान्फ़्रेंस में मौलाना वली रहमानी मदऊ

मुंगीर (mungheer) 03 फ़रव‌री आलमी शौहरत-ए-याफ़ता ऑक्सफ़ोर्ड यूनीवर्सिटी में मार्च से इंटरनैशनल कान्फ़्रेंस होरही है जिसमें दुनिया भर के 30 से ज़्यादा माहिरीन तालीम-ओ-तर्बीयत को शिरकत की दावत दी गई है। इस इजलास में शिरकत के लिए मुफ़क्किरे इस्लाम मौलाना मुहम्मद वली रहमानी को भी मदऊ किया गया है।

छः दिनों तक चलने वाली इस कान्फ़्रेंस में जिस मौज़ू पर इज़हार-ए-ख़्याल होना है वो है नई नसल की तालीम-ओ-तर्बीयत के लिए बेहतर राहे अमल की तलाश ये ऐसा मौज़ू है जिस पर दुनिया भर की यूनिवर्सिटीयों के माहिरीन तालीम और दानिश्वर हज़रात ग़ौर-ओ-फ़िक्र कररहे हैं और नई नसल की बेराह रवी को सही सिम्त पर लगाने की अमली कोशिश जारी है।

साथ ही हर सतह पर मर्ज़ का ईलाज भी ढूंढा जा रहा है। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में 6 मार्च से 11 मार्च तक होने वाली इस कान्फ़्रेंस में जहां माहिरीन तालीम और आलमी हैसियत के दानिश्वर हज़रात बहुत महदूद तादाद में जमा होरहे हैं, वहीं मौलाना मुहम्मद वली रहमानी को भी दावत दी गई है और उन से गुज़ारिश की गई है कि वो अपने तजुर्बात की रोशनी में इस आलमी मसले पर इज़हार-ए-ख़्याल करें और अपने ख़्यालात को तहरीरी शक्ल में पेश करें।

ये पहला मौक़ा है जब किसी आलमी मसले पर जो यूनिवर्सिटीयों के लिए चैलेंज बना हुआ है, राय दही की ख़ातिर किसी आलिमे दीन को दावत दी गई है और मौलाना वली रहमानी को बतौर ख़ास बुलाया गया है ताकि वो मदरसा और यूनिवर्सिटी के तजुर्बात के पेशे नज़र नतीजाख़ेज़ राय दे सकें।