इंडियन एंबेसी से आयी कॉल, इराक में फंसे 185 मजदूर लौटेंगे वतन

इराक के बसरा स्पॉर्ट शहर में फंसे भारतीय 185 मजदूरों ने इतवार को भारत का जयकारा लगाया। मजदूरों को बगदाद में वाकेय इंडियन एंबेसी से कॉल आयी। एंबेसी के अफसरों ने बताया कि भारत सरकार की तरफ से इन मजदूरों की बकाया रकम फौरन दिलाने, उन्हें महफूज भारत पहुंचाने की सिम्त में काम शुरू हो गया है।

एंबेसी के अफसरों की इस इत्तिला को सुन एक सप्ताह से परेशान मजदूर काफी खुश हुए। चंपारण जिले के नौरंगिया के राजेश कुमार गुप्ता ने इतवार की दोपहर में अपने घर वालों को कॉल किया।

वालिदा उगिया देवी और बीवी रजनी देवी समेत दीगर अहले खाना से एक घंटे तक बात की। बताया भारतीय एंबेसी की तरफ से मदद करने का यकीन मिला है। एंबेसी के मदद से ही मोबाइल से बात करने का मौका मिला है। उसने कहा कि मजदूरों ने भारतीय मीडिया, अवामी नुमाइंदे और अफसरों के फी शुक्रिया अदा किया है।

कंपनी के मालिक अब्दुला के हुक्म पर इतवार की सुबह को कंपनी का एक स्टाफ आया। खाना-पीने के लिए पानी वगैरह की बेहतर निज़ाम कर गया। इस्तेहाल जैसी कोई बात अब नहीं है। राजेश ने बताया कि अब उम्मीद हो गयी है कि नौ माह का बकाया मजदूरी और पासपोर्ट वापस मिल जायेगा। उसने अपने अहले खाना को बताया कि मजदूरी मिलते ही मैं घर वापस लौट आऊंगा। राजेश से बातचीत होने के बाद उसके अहले खाना काफी खुश हैं।

काबीले ज़िक्र है कि इराक में फंसे 185 मजदूरों में दो मजदूर मशरिकी चंपारण जिले के नौरंगिया और कुमारबाग के रहले वाले हैं। कंपनी का मालिक आठ माह की मजदूरी भी नहीं दिया है। घर भी नहीं जाने दे रहा था। मारपीट कर जबरन काम करा रहा था। खाने – पीने के लिए भी कुछ नहीं दे रहा था।