इंडियन मुजाहिदीन के आला सतही कारकुन तहसीन अख़तर उर्फ़ मोनू क़ौमी दार-उल-हकूमत में अपने साथीयों की मदद से दहशतगर्द हमला करने की साज़िश कररहे थे। दिल्ली पुलिस के ख़ुसूसी शोबा में अख़तर को तहवील में देने की दरख़ास्त करते हुए ये इल्ज़ाम आइद किया। तहसीन अख़तर उन मुबय्यना कलीदी साज़िशियों में से एक है जिन्होंने मुल्क में सिलसिला वार दहशतगर्द हमलों की साज़िश की थी।
अख़तर फ़िलहाल 2 अप्रैल तक पुलिस की तहवील में है। पुलिस ने अदालत में बयान देते हुए कहा कि तहसीन अख़तर जिसे काकर विटा हिंद । नेपाल सरहद के क़रीब ज़िला दार्जिलिंग में 25 मार्च को गिरफ़्तार किया गया था, अपने एतराफ़ी बयान में इन्किशाफ़ करचुका है कि वो मुल्क में कई दहशतगर्द हमलों में मुलव्विस था। फ़िलहाल वो दिल्ली में इंडियन मुजाहिदीन के दीगर अरकान के साथ दहशतगर्द हमले की साज़िश कररहा था।
पुलिस ने अख़तर को तहवील में देने की दरख़ास्त करते हुए कहा कि अख़तर मुल्क की मुख़्तलिफ़ रियास्तों को मुंतक़िल किया जाएगा ताकि मुक़द्दमे में मतलूब मुल्ज़िमीन का पता चलाया जा सके और उन्हें गिरफ़्तार किया जा सके। अख़तर पूरी साज़िश का पता चलाने के लिए तफ़सीली तफ़तीश के मक़सद से तहवील में मतलूब है।
पुलिस ने मज़ीद कहा कि इंडियन मुजाहिदीन के दीगर अरकान मुल्क की फ़िर्कावाराना हम आहंगी को मुतास्सिर करने की कोशिश कररहे हैं। पुलिस ने अदालत से कहा कि आला सतही बम साज़ तहसीन अख़तर जो इंडियन मुजाहिदीन का आला सतही कारकुन है, इस के आला सतही बाएतेमाद साथी ज़िया-उल-रहमन उर्फ़ विक़ास से आमना सामना करवाने के लिए भी पुलिस को मतलूब है।
ज़िया उल रहमन एक पाकिस्तानी शहरी है जिसे 22 मार्च को दीगर अफ़राद के साथ गिरफ़्तार किया गया था। पुलिस के बमूजब तहसीन अख़तर, यासीन भटकल मुआविन बानी दहशतगर्द तंज़ीम इंडियन मुजाहिदीन की गिरफ़्तारी के बाद तंज़ीम का सदर बन गया था। वो सयान्ती इदारों को दहशतगर्द हमलों के सिलसिले में इस के मुबय्यना किरदार के लिए मतलूब था।
7 जुलाई 2013 को बोध गया के बम धमाकों और गुज़श्ता साल 27 अक्टूबर को पटना में बम धमाकों में भी तहसीन अख़तर मुलव्विस था। पुलिस अदालत में बयान दे चुकी है कि अख़तर और विक़ास ने चंद माह क़ब्ल जय पुर और जोधपुर का दौरा किया था। उन के हमराह महरूफ, मुहम्मद वक़ार अज़हर उर्फ़ हनीफ़ और साक़िब अंसारी उर्फ़ ख़ालिद भी थे जिन्होंने दहशतगर्द सरगर्मीयों पर अमल आवरी में उन की ताईद-ओ-हिमायत की थी।
पुलिस ने कहा कि वक़ास को अजमेर रेलवे स्टेशन के बाहर गिरफ़्तार किया गया। वो तरक़्क़ी याफ़ता धमाको आले आई पी डी तैयार करने का माहिर था। राजिस्थान से उन 4 मुल्ज़िमीन की गिरफ़्तारी के बाद ख़ुसूसी शोबे ने दावा किया था कि इस ने एक ज़बरदस्त दहशतगर्द हमले की कोशिश को नाकाम बनादिया है जो आइन्दा इंतेख़ाबात के मौक़े पर किया जाने वाला था।
पुलिस ने कहा कि वक़ास ने रियाज़ भटकल की हिदायात पर यासीन से मुलाक़ात की थी जो इंडियन मुजाहिदीन का एक आला सतही रुकन है और अब पाकिस्तान में मुक़ीम है। वक़ास मुल्क में कई बम धमाकों के सिलसिले में मतलूब है और समझा जाता है कि वो यासीन भटकल का क़रीबी बाएतिमाद साथी है जिसे क़ौमी महिकमा तहक़ीक़ात ने गुज़श्ता साल असदुल्लाह अख़तर के साथ गिरफ़्तार किया था।