ममनूआ इंतिहापसंद तंज़ीम इंडियन मुजाहिदीन के तीन अरकान ने जारीया साल 21 फरवरी को दिलसुखनगर हुए जुड़वां धमाकों से दो दिन पहले तजुर्बाती धमाका किया था।
ये दावा तीन के मिनजुमला एक मुल्ज़िम के इक़बाली बयान में किया गया। इंडियन मुजाहिदीन के मुआविन बानी यासीन भटकल के एक मुबयना क़रीबी साथी असदुल्लाह अख़तर और दुसरे दो कारकुनों ने पाकिस्तान में मुबयना तौर पर मुक़ीम रियाज़ भटकल की हिदायत पर बम रखे थे।
इस बात का एतराफ़ असदुल्लाह अख़तर के इक़बाली बयान में किया गया है जिस का इन धमाकों की तहक़ीक़ात करनेवाली क़ौमी तहक़ीक़ाती एजेंसी (एन आई ए) ने हाल ही में अदालत में दाख़िल करदा दस्तावेज़ में इन्किशाफ़ किया है।
अदालत की तरफ से अख़तर को 19 सितंबर को 15 दिन के लिए एन आई ए की तहवील में दिया गया था। दिलसुखनगर के कनारक और वीनकटादरी थियटरस के अलावा पर हुजूम शॉपिंग सेंटर के क़रीब इस साल 21 फरवरी को हुए धमाकों में 17 अफ़राद हलाक और दुसरे 100 ज़ख़मी होगए थे।
आंध्र प्रदेश पुलिस की तरफ से इबतिदाई तहक़ीक़ात के बाद ये मुक़द्दमा एन आई ए के सपुर्द कर दिया गया था। अख़तर ने अपने मुबयना इक़बाली बयान में कहा कि रियाज़ भटकल की हिदायात पर में और विक़ास सितंबर 2012 के दौरान बेलगाम से मंगलोर मुंतक़िल हुए जहां क़ियाम के दौरान ऑनलाइन चियाटंग के ज़रीये में रियाज़ भटकल से बात किया करता था।
चंद दिन बाद उन्होंने मुझे मतला किया कि मंगलोर में बहुत जल्द मुझे धमाका ख़ेज़ मवाद पहुंचाया जाएगा और मुझे हैदराबाद में विक़ास और तहसीन उर्फ़ मोनू के साथ धमाके करना होगा।
अख़तर ने इन धमाकों में अपने और दुसरे साथीयों के रोल की तफ़सीलात बताते हुए एन आई ए के तफ़तीश कुनुन्दगान से मुबयना तौर पर कहा कि तैयारी के एक हिस्से के तौर पर रियाज़ ने मंगलोर में हवाला और रुकमी मुंतक़ली के एक इदारा के ज़रीये कुछ रक़म भी रवाना किया था।
अख़तर ने कहा कि फ़बरोरी 2013 के पहले हफ़्ते में मुझे रियाज़ की तरफ़ से भेजा हुआ धमाका ख़ेज़ मवाद एक नामालूम शख़्स के ज़रीये मौसूल हुआ जो सुनहरी रंग के ट्राली बयाग में रखा हुआ था।
बादअज़ां अख़तर हैदराबाद पहुंचा और तहसीन से रब्त किया जिस ने अबदुल्लाह पर मेट में उसके रेहने का इंतेज़ाम किया। अख़तर ने कहा कि मुझे ये ठिकाना मुनासिब और साज़गार महसूस किया और में मंगलोर वापिस होगया जहां से में और विक़ास धमाका ख़ेज़ मवाद हैदराबाद मुंतक़िल किए और महफ़ूज़ ठिकाने पर रखा गया जो तहसीन ने किराये पर हासिल किया था।
बादअज़ां रियाज़ भटकल की ही हिदायात पर हम ने मलकपेट, आबडस और दिलसुखनगर के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में खु़फ़ीया तौर पर घूमते हुए धमाकों के लिए इमकानी ठिकानों का जायज़ा लिया बादअज़ां दिलसुखनगर बम रखने का फ़ैसला किया गया।
धमाकों से दो ता तीन दिन पहले हम ने अबदुल्लाह पर मेट में तजुर्बाती धमाका किया था ताकि धमाका ख़ेज़ मवाद की कारकर्दगी का पता चलाया जा सके।
अख़तर ने कहा कि विक़ास और तहसीन के साथ उन्होंने 20 फ़बरोरी कमलकपेट में एक पुरानी साइकिल ख़रीदी और इस साइकिल को मलकपेट रेलवे स्टेशन के पार्किंग में रखा गया। चुनांचे उसी रोज़ में और तहसीन ने दो प्रैशर कूकुर भी ख़रीदे जिस में इंतेहाई ताक़तवर धमाका ख़ेज़ मवाद रखा गया ताकि धमाके की शिद्दत में इज़ाफ़ा किया जा सके।
21 फ़बरोरी को अख़तर ने तहसीन के साथ एक और साइकिल ख़रीदी और विक़ास को इस महफ़ूज़ ठिकाने पर ही रखा गया ताकि वो धमाका ख़ेज़ मवाद तैयार करसके।