इंडिया टीवी के रिपोर्टर का खुलासा: मोदी सरकार को खुश करने के लिए फर्जी न्यूज़ रिपोर्ट बनवाते हैं सीनियर्स

नई दिल्ली: लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाली मीडिया से हर लोकतांत्रिक देश के लोगों को उम्मीद होती है कि जो बात मीडिया के जरिये उन तक पहुंचे उसमें सच्चाई हो। बातों को न तो छुपाया जाना चाहिए और न ही किसी एक पक्ष की बात को लोगों तक पहुंचा ऐसी रिपोर्टिंग करनी चाहिए जिससे दुसरे पक्ष को जानने का जनता को मौक़ा ही न मिले। लेकिन आज के कुछ मीडिया चैनल इस कदर बिके हुए हैं कि वो खुद तो जो बात अपनी रिपोर्टों के जरिये कहते हैं वो तो पक्षपाती(एक तरफ़ा) होती ही हैं लेकिन अपने अधीन काम करने वाली टीम के रिपोर्टर्स पर भी अपनी सोच थोप उसी के मुताबिक रिपोर्ट बनाने के लिए दवाब बनाते हैं।

बिक सकने वाले हल्की सोच के कुछ पत्रकार इस दवाब के आगे झुक भी जाते हैं और वही करने लगते हैं जो उनके आका उनसे करवाना चाहते हैं लेकिन जो दवाब के आगे झुक कर गलत काम नहीं करना चाहता वो अपना रास्ता बदलने के बारे में सोचता है ठीक वैसे ही जैसे इंडिया टीवी के सीनियर रिपोर्टर इमरान शेख ने किया।

ख़बरों की दुनिया का एक जाना पहचाना नाम हैं इमरान शेख जो पिछले काफी वक़्त से इंडिया टीवी जिसके मालिक ‘आप की अदालत’ फेम रजत शर्मा हैं के साथ काम कर रहे हैं। इमरान का आरोप है कि पिछले कुछ वक़्त से उन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने का हवाला देकर लगातार फर्जी रिपोर्टें बनाने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। इमरान ने अपने सीनियर्स फैज़ुल इस्लाम, राहुल चौधरी और जय प्रकाश चौधरी का नाम लेते हुए कहा है कि उसके सीनियर सरकार को खुश करने का हवाला देकर रिपोर्टर्स से पक्षपाती ख़बरें बनवाते और प्रसारित करवाते हैं जिसे करने से उन्होंने काफी बार मना किया है लेकिन फिर भी उन पर दबाब बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं बात न मानने की वजह से उन्हें दो दिन के लिए सस्पेंड भी किया जा चुका है।

अब इस सब से परेशान शेख ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिख इस बात से अवगत करवाने की कोशिश की है लेकिन पीएमओ की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं आया है। शेख का कहना है कि वो पीएम मोदी के विरोधी नहीं हैं, वह भी पीएम मोदी के फैन हुआ करते थे लेकिन मीडिया एथिकस उन्हें इस बात की इजाज़त नहीं देते कि वो फर्जी रिपोर्ट्स लिखें।