इंडोनेशिया में तबाही: दफनाने के लिए एक हज़ार कब्र खोदे गए!

इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में रिएक्टर पैमाने 7.5 की तीव्रता पर आए भूकंप और उसके बाद आई सुनामी के चलते हुए हादसों में रविवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 840 से ज्यादा हो गई। देश के आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक, बचाव कार्य अभी भी जारी है।

सीएनएन के मुताबिक, इंडोनेशिया के आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो नुग्रोहो ने रविवार को मृतकों की संख्या की पुष्टि की जिन्होंने शुक्रवार को आए भूकंप से 24 लाख लोगों के प्रभावित होने का अनुमान लगाया है। इस भूकंप और सुनामी में दो शहर पालू और सुलावेसी बहुत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ये करीब करीब मलबे में प्रभावित हो गए हैं।

तटीय शहर पालू में एक शॉपिंग मॉल मलबे में तब्दील हो गया और एक मस्जिद का बड़ा सा गुबंद ढह गया। इस शहर में 350,000 लोग रहते हैं. नुग्रोहो ने कहा कि सैकड़ो लोग घायल हुए हैं और करीब 17,000 बेघर हुए हैं।

पालू में भारी उपकरणों और बचाव कर्मियों की कमी के चलते बचाव कार्य की रफ्तार धीमी पड़ गई, जहां बचाव कर्मी एक ढहे हुए होटल के मलबे में फंसे करीब 50 लोगों को बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।

जेलफेंड ने सीएनएन को बताया कि इंडोनेशियाई रेडक्रॉस प्रभावित लोगों तक पहुंचकर जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है। समाचार एजेंसी ‘एफे’ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (बीएनपीबी) के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नुग्रोहो ने कहा कि शवों के सामूहिक दफन की प्रक्रिया पालू के बाहरी इलाके में होगी।

भूकंप और सुनामी से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र पालू है, जहां आपदा के दौरान मारे गए कुल 832 लोगों में से 821 लोगों की मौत हुई थी।

पालू के पहाड़ी इलाके पोबोया में स्वयंसेवकों ने मृतकों को दफनाने के लिए 100 मीटर लंबी कब्र खोदी है। उन्हें 1,300 पीड़ितों को दफनाने की तैयारी करने के निर्देश दिए गए थे।

प्राकृतिक आपदा के बाद खराब होते शवों के कारण बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए अधिकारी संघर्ष कर रहे हैं। इसके साथ ही यहां 14 दिन का आपातकाल घोषित किया गया है।