इंतिख़ाबी इस्लाहात के लिए वज़ारते क़ानून के इक़दामात

नई दिल्ली 8 अक्टूबर (पी टी आई) वज़ीर-ए-क़ानून सलमान ख़ुरशीद ने आज वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से मुलाक़ात करके इंतिख़ाबी इस्लाहात लाने के अमल पर तबादला-ए-ख़्याल किया। इंतिख़ाबात में राय दही के तरीका-ए-कार को मोस्सर बनाने के लिए इस्लाहात लाने पर ग़ौर किया जा रहा है। इस मसला पर सलमान ख़ुरशीद ने अपनी वज़ारत की तजावीज़ पर भी तबादला-ए-ख़्याल किया। वज़ारत क़ानून ने इंतिख़ाबी इस्लाहात लाने के लिए चंद तजावीज़ तैय्यार किए हैं। समझा जाता है कि सलमान ख़ुरशीद ने इस माह के अवाख़िर में इंतिख़ाबी इस्लाहात पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करने के लिए कुल जमाती इजलास तलब करने पर ज़ोर दिया है। वज़ारत क़ानून का मंसूबा है कि कुल जमाती इजलास में इंतिख़ाबी इस्लाहात लाने के लिए तमाम पार्टीयों की राय हासिल की जाई। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को भी इस ताल्लुक़ से वाक़िफ़ करवाया गया। वज़ीर-ए-आज़म के साथ बातचीत के दौरान बताया जाता है कि सलमान ख़ुरशीद ने कुल जमाती इजलास से ख़िताब करने के लिए वज़ीर-ए-आज़म से दरख़ास्त भी की है। इंतिख़ाबी इस्लाहात रूबा अमल लाने के लिए वज़ारत क़ानून ने जो तजावीज़ पेश किए हैं इन में ऐसे उम्मीदवारों को इंतिख़ाबी मैदान से बाज़ रखना है जिन पर घिनौने जराइम के मुक़द्दमात दर्ज हैं। इस के इलावा इंतिख़ाबात के लिए सरकारी फंड्स की हद को मुक़र्रर किया जाई। ज़राए ने कहाकि इंतिख़ाबी इस्लाहात में जो तजावीज़ हैं इन में क़ानून अवामी नुमाइंदगान में तबदीली भी शामिल है ताकि ख़वातीन और दर्ज फ़हरिस्त ज़ातों और क़बाईलों के उम्मीदवारों के लिए सरकारी फंड्स फ़राहम किया जा सके और उन की पार्टीयों को सयासी पार्टीयों की हैसियत से तस्लीम किया जा सकी। इन फ़वाइद के हुसूल के लिए उम्मीदवारों को चाहीए कि इन की सालाना आमदनी 5 लाख से ज़ाइद ना हो। इन की मनक़ूला और ग़ैर मनक़ूला जायदाद की लागत 22 लाख से ज़ाइद ना हो। इस हद में इस आमदनी और असासा जात को भी शामिल किया जाएगा जो उम्मीदवार की अहलिया के नाम दर्ज हैं।