इंतिख़ाबी बेदारी के लिए चावल के दानों पर इंतिख़ाबी नारे

अब जबकि मुल्क में हर तरफ़ इलेक्शन का बुख़ार है तो अवाम को इलेक्शन की एहमियत बताने और बेदारी के लिए नित नए तरीके अपनाए जा रहे हैं जिस में एक मुनफ़रद तरीक़ा चावल के दाने पर इंतिख़ाबात से मुताल्लिक़ नारे तहरीर करने का है। जिस ख़ातून ने ये तरीक़ा अपनाया है उसका कहना है कि इस तरह वो चावल के दानों को अवामी मुक़ामात पर नुमाइश के लिए रखेंगी ताकि अवाम को इंतिख़ाबात की एहमियत के बारे में मालूमात हासिल होसके।

इस ख़ातून का नाम नीरू छाबड़ा है जो 57 साल की हैं। उन्होंने कहा कि चावल के दानों पर मुख़्तलिफ़ इंतिख़ाबी नारों को तहरीर करने के लिए उन्हें दो माह का अर्सा लगा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें चावल के दानों पर सियासी नारे तहरीर करने का ख्याल भी दो माह क़बल आया था और इस तरह स्याह रंग और छोटे बरश का इस्तिमाल करते हुए वो हर चावल के दाने पर सिर्फ़ एक ही लफ़्ज़ पेंट करती हैं हालाँकि इस फ़न से वो 1984 से वाबस्ता हैं और वो अब अनुदानों की नुमाइश अवामी मुक़ामात पर करना चाहती हैं।

इंतिख़ाबात से मुताल्लिक़ आम आदमी में बेदारी पैदा की जा सके। नीरू छाबड़ा ने अब तक एक चावल के दाने पर सब से ज़्यादा यानी 108 हुरूफ़ तहरीर करने का रिकार्ड भी क़ायम किया है।