इंदिरा गांधी की कार उठाने वाले झूठ में फंसी किरन बेदी

दिल्ली में बीजेपी की सीएम कैंडिडेट किरन बेदी के बारे में एक किस्सा मशहूर रहा है कि उन्होंने साबिका वज़ीर ए आज़म इंदिरा गांधी की कार को क्रेन से उठवाया था. मगर अब उन्होंने खुद कहा है कि कार वज़ीर ए आज़म की नहीं, बल्कि उनके दफ्तर की थी और उसे एक दूसरे ऑफिसर ने उठाया था. इस कबूलनामे के बाद किरन बेदी घिरती दिख रही हैं. उनकी ट्विटर प्रोफाइल के ऐसे स्क्रीनशॉट शेयर किए जा रहे हैं, जिनमें बेदी ने अपने बारे में लिखा था कि उन्होंने वज़ीर ए आज़म की कार उठवाई थी .

नवभारतटाइम्स.कॉम कुछ दिन पहले ही बता चुका है कि इस किस्से की असलियत क्या है और कार किरन बेदी ने नहीं बल्कि सब-इंस्पेक्टर निर्मल सिंह ने उठाई थी. किरन बेदी कई मंचों से यह किस्सा सुनाती रही हैं कि कैसे उन्होंने बिना किसी डर के उस वक्त वज़ीर ए आज़म इंदिरा गांधी की कार उठवाकर अपनी ड्यूटी निभाई थी. यही नहीं, उन्होंने 11 महीने पहले तक अपनी ट्विटर प्रोफाइल में अपने बारे में भी इस बात जिक्र किया था.

न्यूज चैनल एनडीटीवी इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कुबूल किया कि कार PMO की थी और उसे सब-इंस्पेक्टर निर्मल सिंह ने उठाया था, जो कि एसीपी के ओहदे से रिटायर हुए. इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी ट्विटर बायो के वे स्क्रीनशॉट शेयर किए जाने लगे, जिसमें अपने तार्रुफ में उन्होंने लिखा था- ट्रैफिक नियमों की खिलाफवर्जी पर पीएम की कार को उठवाया था.

ट्विटर प्रोफाइल्स पर बायो इन्फर्मेशन हिस्ट्री ट्रैक करने वाली bioischanged.com नाम की वेबसाइट पर देखने से पता चलता है कि 2 साल पहले उन्होंने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पर इसका जिक्र किया था. इसके ठीक एक साल बाद उन्होंने फिर अपनी बायो बदली, मगर यह लाइन रहने दी. अब से ठीक 11 महीने पहले ही उन्होंने इस लाइन को अपनी बायो से हटाया है.