टोइटर पर ख़िराजे अक़ीदत ,बरसी पर कई क़ाइदीन की इंदिरा गांधी की सताइश
वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने आज साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म इंदिरा गांधी की यादगार शक्ति स्थल पर उनकी बरसी तक़ारीब में शिरकत नहीं की। ताहम टोइटर पर ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करते हुए उन्होंने कहा कि में अब्ना-ए-वतन के साथ साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म मिसिज़ इंदिरा गांधी की बरसी पर उन्हें याद करने में शामिल हो।
इंदिरा गांधी का आज ही के दिन 1984 में ख़ुद उनके सिख बॉडी गार्ड्स ने क़त्ल कर दिया था। इंदिरा गांधी को उनकी बरसी पर ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करने वालों में सदर जम्हूरिया हिंद प्रणब मुखर्जी , नायब सदर मुहम्मद हामिद अंसारी और कांग्रेस के कई आली क़ाइदीन ने उन की यादगार पर फूल मालाई चढ़ाते हुए ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया।
ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करने वालों में सदर कांग्रेस सोनिया गांधी और नायब सदर राहुल गांधी भी शामिल थे। उन्होंने इस मुक़ाम पर फूल मालाएं चढ़ाई जहां इंदिरा गांधी की समाधि है। शक्ति स्थल पर इस मौक़े पर क़ौमी गीत बजाय गए। उनकी क़ियामगाह पर भी जहां 30 साल क़ब्ल इनका क़त्ल हुआ था।
उनकी यादगार में तब्दील कर दिया गया है। हुकूमत की जानिब से इंदिरा गांधी को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करने के मौक़े से दूरी इख़तियार करने पर कांग्रेस क़ाइदीन ने हुकूमत पर तन्क़ीद की। मनीष तीवारी ने कहा कि इंदिरा गांधी मुल्क केलिए ज़िंदा रही और इसी केलिए अपनी जान दी।
हर हुकूमत की ज़िम्मेदारी है कि उन की बरसी पर उन्हें ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करे। बरसी की तक़रीब में उन की समाधि पर हाज़िरी देने वालों में पार्टी क़ाइदीन मोती लाल वोहरा , एम वीरप्पा मोईली ,सुशील कुमार शिंदे , अहमद पटेल ,भूपेंद्र सिंह भोडा, ग़ुलाम नबी आज़ाद, दिग विजय सिंह ,शकील अहमद और दीगर क़ाइदीन शामिल थे। साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म अटल बिहारी वाजपाई ने इंदिरा गांधी यादगार पर उन की बरसी के दिन पहुंच कर उन्हें ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया था।