लाईफ़ इंश्योरेंस में रक़म का तसर्रुफ़ (इस्तेमाल) लाखों हिंदूस्तानी करते हैं लेकिन चंद ही बतौर पालिसी होल्डर्स अपने हुक़ूक़ ( हक/अधिकार) के बारे में जानते हैं । चंद बरसों में क़वानीन में तब्दीली आई है जो सारिफ़ीन (ग्राहकों) को बाइख्तियार बनाते हैं । जैसे इस में हेल्थ प्लान की मुंतक़ली (Transferable) शामिल है जिस का आग़ाज़ ( शुरूआत) अक्तूबर 2011 में हुआ ।
लाईफ़ इंश्योरेंस पालिसी के चंद बुनियादी हुक़ूक़ जे़ल में बताए जा रहे हैं जिन की आप को जानकारी होनी चाहीए ।
1 . आप पालिसी मिलने के अंदरून 15 दिन मुतमईन ना होने पर इसे मंसूख़ (रद्द) कर सकते हैं और अपनी रक़म वापस ले सकते हैं । इंश्योरेंस कंपनी ताहम ( यद्वपी/ फिर भी) इस दौरान सिर्फ़ मेडीकल टेस्ट्स,स्टैंप डयूटी और कवर पर आइद हुए अख़राजात मिनहा ( कम) कर सकती है ।
2 . इंश्योरेंस कंपनी को सारिफ़ीन ( ग्राहकों) को तफ़सीली मालूमात ( विस्तृत जानकारी) फ़राहम (इक़्ट्ठा) करना चाहीए ।
3 . कंपनी को मुक़र्ररा मुद्दत (तय किये वक़्त) के अंदर मुकम्मल तरीक़ा का पूरा करने का पाबंद होना चाहीए । इद्दिआ कुनुंदा की दरख़ास्त हर तरीक़ा अमल को अंदरून 15 दिन पूरा करना चाहीए और इस अर्सा में उसे ख़रीदार को मुताला करना चाहीए ।
4. इंश्योरेंस कंपनी मेडीकल इंश्योरेंस की तजदीद (नवीनीकरण) करने से इनकार नहीं कर सकती ।
5. आप साल शुरू होने पर प्रीमीयम की रक़म में तबदीली ला सकते हैं । मिसाल के तौर पर अगर आप बड़ी रक़म यकमुश्त ( एक ही मुश्त में) अदा करने में मुश्किल महसूस करते हैं तो आप पालिसी के आग़ाज़ पर इस रक़म में तब्दीली कर सकते हैं । इसके लिए आप को पालिसी का एक साल मुकम्मल होने से 15 से 20 दिन क़बल ( पहले) इंश्योरेंस (बीमा) कंपनी को तहरीर ( आवेदन/ पत्र लिखना होगा) करना होगा ।
6. आप अपनी पालिसी के नामज़द कर्दा फ़र्द के लिए भी तब्दील ला सकते हैं । अगर पालिसी शादी से क़ब्ल ख़रीदी गई हो तो ये ज़रूरी है शादी के बाद तो शौहर / बीवी को नामज़द कर्दा रुकन ( सदस्य) बनाया जा सकता है ।
शिकायत किस तरह दाख़िल करें ।
1. कंपनी के शिकायती सेल से शिकायत के साथ रुजू हों ।
2 . कंपनी को अंदरून तीन दिन ( तीन दिन के अंदर) तौसीक़ (पुष्टी) करना और उसे अंदरून 15 दिन हल करना होगा ।
3. अगर आप मुतमईन ( संतुष्ट) नहीं हैं तो आई आर डी ए में शिकायत दाख़िल करें । आप आई जी एम एस पर भी आनलाइन शिकायत दाख़िल कर सकते हैं ।
4. आप क़ानून दान कनज़्यूमर फ़ोर्म (ग्राहक शिकायत केंद्र) से भी रुजू हो सकते हैं ।
5.फिर भी आप मुतमईन ना हो तब आप मुआमला को सियोल कोर्ट से रुजू कर सकते हैं।