एक इंसान दूसरे इंसान से मायूस हो सकता है लेकिन…इंसानियत से मायूस नहीं होना चाहिए।
इस लिए कि इंसान सिर्फ़ ज़मीन में सांस लेता है…और इंसानियत ज़मानों में ज़िंदा है।
{जोन ईलिया}
एक इंसान दूसरे इंसान से मायूस हो सकता है लेकिन…इंसानियत से मायूस नहीं होना चाहिए।
इस लिए कि इंसान सिर्फ़ ज़मीन में सांस लेता है…और इंसानियत ज़मानों में ज़िंदा है।
{जोन ईलिया}