चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना के चन्द्र शेखर राव नज़्मो नस्क़ में करप्शन के ख़ातमा और अवामी नुमाइंदों को सरकारी काम काज में सिफ़ारिश या मुदाख़िलत से रोकने के लिए अरकाने असेंबली और कौंसिल की तनख़्वाहों में इज़ाफ़ा पर ग़ौर कर रहे हैं। बताया जाता है कि मुख़्तलिफ़ सरकारी मुआमलात में मुदाख़िलत, कान्ट्रैक्ट्स की मंज़ूरी और दीगर उमूर में सिफ़ारिशात के ज़रीए रक़म हासिल करने के रुजहान को रोकने के लिए चन्द्र शेखर राव बड़े पैमाने पर तनख़्वाहों और अलाउन्सस में इज़ाफ़ा पर ग़ौर कर रहे हैं।
इस सिलसिले में उन्हों ने आला ओहदेदारों के साथ मुशावरत की। हुकूमत का एहसास है कि हर माह अवामी नुमाइंदों को बेहतर और मुनासिब मुआवज़ा की अदायगी की सूरत में वो अपने मुताल्लिक़ा हल्क़ाजात में अवाम में बेहतर तौर पर ख़िदमत कर सकते हैं और उन की सारी तवज्जा अवामी ख़िदमत पर मर्कूज़ होगी। वो ज़ाइद आमदनी के लिए दीगर वसाइल और ज़राए तलाश करने की कोशिश नहीं करेंगे।
बताया जाता है कि फ़िलवक़्त अरकाने असेंबली और कौंसिल तनख़्वाहों और अलाउन्सेस के साथ माहाना तक़रीबन 95 हज़ार रुपये हासिल कर रहे हैं जबकि वुज़रा को देढ़ लाख रुपये अदा किए जा रहे हैं। हुकूमत अवामी मुंतख़ब नुमाइंदों को माहाना 2 लाख रुपये और वुज़रा को 3 लाख रुपये की अदायगी का मंसूबा रखती है।
बताया जाता है कि इस तजवीज़ पर अमल आवरी के सिलसिले में अपोज़ीशन जमातों से भी मुशावरत की जाएगी। बताया जाता है कि हाल ही में एक वज़ीर ने अपने मुताल्लिक़ा महकमा के 12 ओहदेदारों के तबादले से मुताल्लिक़ फाईल चीफ़ मिनिस्टर को रवाना की।
चीफ़ मिनिस्टर ने मुताल्लिक़ा वज़ीर को तलब करते हुए तफ़सीलात हासिल की और उन के सिफ़ारिश कर्दा सिर्फ़ एक ओहदेदार के तबादले पर रजामंदी ज़ाहिर की।