इंसेफलाइटिस की रोकथाम को यूनिसेफ करेगी खुसुसि पहल

हर साल जिले में कहर बरपाने वाली इंसेफलाइटिस की रोक के लिए यूनिसेफ खुसुसि पहल करेगी। अदारा इलाज की भी पूरी निज़ाम संभालेगी। साथ ही बीमारी से मुतासीर बच्चों के अपंग होने पर उसे मदद करेगी। रियासती हुकूमत के खुसुसि दरख्वास्त पर यूनिसेफ ने जिले में इस बीमारी की रोकथाम के लिए हर मुमकिन मदद की हरी झंडी दे दी है।

इस बारे में यूनिसेफ के प्रोजेक्ट अफसर (हेल्थ) डॉ. घनश्याम शेट्टी ने बताया कि हमार सबसे ज़्यादा फोकस बच्चों पर है, सेहत और तालीम पर है। बीमारी के अहम वजूहात का पता नहीं लगने के बाद सबसे ज़्यादा बेदारी पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसको देखते हुए यूनिसेफ मुजफ्फरपुर व इससे सटे जिलों में खुसुसि काम करेगी। हमारी काम मंसूबा में तरबियत के साथ-साथ माहेरीन के सुझाव पर रियासती हुकूमत को मदद करना है। बीमारी के बाद ज्यादातर बच्चों को रूहानी और जिशमानी तौर से अपंग हो रहे हैं।

उनके मदद के लिए खुसुसि निज़ाम होगी। बिहार सरकार, पटना एम्स के मदद से इस सिम्त में पहल कर रही है। सरकार बीमारी से मुतासीर बच्चों के अपंग होने पर रिपोर्ट देगी, जिसकी बुनियाद पर यूनिसेफ मदद करेगी।

माहेरीन अदारों की रिपोर्ट को बनायेंगे बुनियाद

इंसेफलाइटिस की रोक के लिए यूनिसेफ मुल्क और बाइरून मुल्क की माहेरीन अदारों और वेल्लोर क्रशि्चियन हॉस्पिटल के सायनस्टिस डॉ. जैकब जॉन की रिपोर्ट को बुनियाद बनाकर पहल करेगी। फिलहाल मरकज़ और रियासती हुकूमत की तरफ से बनने वाली मंसूबा में भी अदारा मदद करेगी।

रिसर्च में भी अगर किसी माहेरीन की जरूरत होगी तो यूनिसेफ मदद करेगी। इसके अलावा जिले में मुसलसल एक साल तक डॉक्टर, नर्स, एनएनएम, आशा खातून सेहत कारकुनान के तरबियत की भी निज़ाम की जायेगी।