लोक जन शक्ति पार्टी के सरबराह ( व्यवस्थापक) मिस्टर राम विलास पासवान ने दहशतगर्दी के इल्ज़ामात में गिरफ्तारियों के वक़्त पुलिस की जानिब से क़वानीन ( कानून) की ख़िलाफ़वर्ज़ी का मसला उठाया और मुतालिबा किया कि इस तरह की हरकतों को रोकने मूसिर क़वानीन (शक्तीशाली कानून) बनाए जाने चाहिऐं।
उन्होंने अख़बारी नुमाइंदों ( पत्रकारों) से बात चीत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जानिब से पुलिस के लिए किसी को भी किसी इल्ज़ाम में गिरफ़्तार करते वक़्त इख्तेयार करने वाज़िह रहनुमा ख़ुतूत मौजूद हैं। पुलिस की जानिब से खासतौर पर इकलेती तबक़ा के अफ़राद को गिरफ़्तार करते वक़्त उनकी संगीन ख़िलाफ़वर्ज़ीयां की जाती हैं।
मिस्टर पासवान के हमराह उस वक़्त दिल्ली पुलिस की जानिब से गिरफ़्तार मुहम्मद अहमद काज़मी के अफ़राद ख़ानदान भी मौजूद थे। इसके इलावा पुने की जेल में क़त्ल किए गए मुहम्मद क़तील सिद्दीकी के भाई भी उनके हमराह ( मित्र) थे ।
उन्होंने कहा कि पुलिस को क़वानीन की पाबंदी के लिए मजबूर करने पर सख़्त क़वानीन ( कानून) बनाए जाने चाहिऐं। सऊदी अरब में मुबय्यना ( कथित) तौर पर हाल ही में गिरफ़्तार किए गए हिंदूस्तानी इंजीनीयर फ़सीह मुहम्मद की शरीक ए हयात ( बीवी) निकहत परवीन भी इस मौक़ा पर मौजूद थीं।