इकलेती कमीशन की तशकील के लिए हुकूमत को दो माह की मोहलत

हैदराबाद जनवारी : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने रियासती हुकूमत को रियासती इकलेती कमीशन की तशकील जदीद के लिए 8 हफ़्तों की मोहलत दी है।

शहर के एक वकील मुहम्मद अक़ील की मफ़ाद-ए-आम्मा दरख़ास्त पर चीफ जस्टिस मिस्टर जस्टिस पी सी घोष और मिस्टर जस्टिस विलास अफ़ज़ल पुर पर मुश्तमिल बंच ने इकलेती कमीशन की तशकील जदीद के लिए 8 हफ़्तों की मोहलत दी है।

मुहम्मद अक़ील ने अपनी मफ़ाद-ए-आम्मा की दरख़ास्त में कहा कि हुकूमत आंध्र प्रदेश ने रियासत में इकलेती बिरादरियों के मुफ़ादात के तहफ़्फ़ुज़ के लिए इकलेती कमीशन के क़ियाम के लिए आंध्र प्रदेश एस्टेट माइनॉरिटीज़ कमीशन एक्ट 1998 लागू किया।

इस क़ानून के मुताबिक़ हुकूमत आलामीया के ज़ड़ेआ एक इदारा बनाम आंध्र प्रदेश इकलेती कमीशन का एलान करे। हुकूमत ने मार्च 2006 में इकलेती कमीशन तशकील दिया था जिस की मीआद तीन साल थी जो मार्च 2009 में ख़त्म होगई।

मज़कूरा कमीशन के सरबराह यूसुफ़ कुरैशी थे । उन्हों ने कहा कि कमीशन का क़ियाम हुकूमत का फ़र्ज़ है तशकील में ताख़ीर हुकूमत के तुएं दस्तूर में फ़राहम बुनियादी हुक़ूक़ की ख़िलाफ़वरज़ी मुतसव्वर होगा।

उन्हों ने कहा कि क़ानून के तहत हुकूमत कमीशन की तशकील की पाबंद है मगर एसा करने में हुकूमत नाकाम रही है। उन्हों ने ये इस्तिदलाल पेश किया कि कमीशन के अदम वजूद के बाइस अक़ल्लीयतों को दाद रस्सी का मौक़ा नहीं मिल पारहा है।