इकोनॉमिक डिबेट पर जेटली-यशवंत के आरोप हक़ीअत आमने-सामने, यशवंत सिन्हा की कई बातें सही

नई दिल्ली.देश की मौजूदा इकोनॉमी पर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच डिबेट तीखी हो गई है। यशवंत नोटबंदी और जीएसटी को सबसे बड़ा इकोनॉमिक डिजास्टर बताने वाले बयान पर कायम हैं। उधर, जेटली का कहना है कि ये बदलाव देश को नई दिशा की तरफ ले जाएंगे। गुरुवार को यशंवत के बेटे ने अपने पिता के आरोपों का जवाब दिया और नोटबंदी और जीएसटी को गेमचेंजर बताया था।

सिलसिलेवार यशवंत सिन्हा के आरोप पढ़ें जो जेटली पर लगाता गया है।

आरोप:
इकोनॉमी में तो पहले से ही गिरावट आ रही थी। नोटबंदी ने तो सिर्फ आग में घी का काम किया। नोटबंदी सबसे बड़ा इकोनॉमिक डिजास्टर साबित हुई।

हकीकत:
उनके इस आरोप का साथ दे रही है। जीडीपी 2017 के दूसरे क्वार्टर में तेजी से गिरी है।

फाइनेंशियल ईयर ग्रोथ
– 2012-13 4.7%
– 2013-14 6.6%
– 2014-15 7.2%
– 2015-16 7.6%
– 2016-17 7.1%
– Q2 2017 5.7%

आरोप:
एग्रीकल्चर-कंस्ट्रक्शन और इंडस्ट्री की हालत भी ठीक नहीं कही जा सकती।

हकीकत:
इतनी बुरी भी नहीं हैं। हालांकि यूपीए-2 के समय से थोड़ी खराब है।

फाइनेंशियल ईयर ग्रोथ
– 2013-14 4.2%
– 2015-16 1.1%
– 2016-17 4.1%

आरोप:
पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी के कारण सर्विस सेक्टर में धीमा ग्रोथ रेट है।

हकीकत:
एक्सपोर्ट कम होने का असर इकोनॉमी पर साफ देखा जा सकता सकता है। अगस्त में एक्सपोर्ट ग्रोथ घटी है।

फाइनेंशियल ईयर ग्रोथ
2013-14: 24.8%
2015-16: 17.6%
अगस्त 2017: 10.29%

आरोप:
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन करीब-करीब खत्म हो चुका है और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की स्थिति खराब है।

हकीकत:
हकीकत भी यही है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ में गिरावट आई है।

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ
– जून, 2016: 5.3%
– सितंबर, 2017: 1.2%

आरोप:
निजी क्षेत्र में निवेश लगातार कम हो रहा है।

हकीकत:
इसके उलट है। एफडीआई में यूपीए-2 के जाने और केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद तेज वृद्धि हुई है।

ईयर एफडीआई
2014: 36 बिलियन डॉलर
2017: 60 बिलियन डॉलर

आरोप:
जीएसटी को गलत तरीके से लागू किया गया। इसका बिजनेस पर काफी बुरा असर पड़ा। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। बाजार में नौकरियों के नए मौके नहीं हैं।

हकीकत:
यूपीए-2 के दौरान मार्च, 2014 में सभी सेक्टर्स ने 3.29 लाख लोगों को रोजगार दिया था। वहीं, अगस्त, 2017 में आधे से भी कम लोगों को रोजगार मिला।

आरोप:
मोदी सरकार की पॉलिसीज से रोजगार घटा है।

हकीकत:
नोटबंदी जैसे बदलाव के बाद करीब 8 सेक्टर्स में नौकरियां कम हुई हैं।

मार्च 2014: 3.29 लाख
सितंबर 2017: 1.56 लाख

अगस्त 2017 मिलीं नौकरियां

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर: 36 हजार
मोटर व्हीकल एंड पार्ट्स: 14 हजार
फैब्रिकेटेड मेटल प्रोडक्ट्स: 5000
कंप्यूटर एंड इलेक्ट्रॉनिक: 4000
बिजनेस एंड प्रोफेशनल सर्विस: 40 हजार
एजुकेशन एंड हेल्थ: 25 हजार
माइनिंग: 6000
कंस्ट्रक्शन सेक्टर: 28 हजार

आरोप:
ग्रॉस करंट अकाउंट डेफिसिट की स्थिति यूपीए-2 के समय खराब थी।

हकीकत:
जून, 2016 क्वार्टर में इसमें सुधार हुआ, लेकिन नोटबंदी और फिर जीएसटी ने इसकी हालत फिर बिगाड़ दी।

ग्रॉस करंट अकाउंट डेफिसिट
2013-14: 1.7%
2015-16: 1.4%
15 Sep 2017: 2.4%

आरोप:
यूपीए-2 के अंतिम फाइनेंशियल ईयर में होलसेल प्राइस इंडेक्स की स्थिति का फी खराब थी। मोदी सरकार ने इस पर काबू किया।

हकीकत:
एक बार फिर होलसेल महंगाई दर फिर ऊपर की ओर जा रही है। फिर भी हालात यूपीए-2 से बेहतर हैं।

होलसेल प्राइस इंडेक्स
2013-14: 5.98%
2015-16: 3%
अगस्त 2017: 3.24%

आरोप:
नोटबंदी से पहले जून, 2016 तक प्रोडक्ट कंजम्पशन जीडीपी का 8.4% था।

हकीकत:
इसके बाद नवंबर में नोटबंदी के कारण लोगों की पर्चेज कैपेसिटी कम हुई। बावजूद इसके हालात यूपीए-2 से बेहतर हैं।

कंजम्पशन डिमांड
2013-14: 4.8%
2015-16: 8.4%
Sep 2017: 6.7%

आरोप:
पब्लिक-प्राइवेट बैंकों के ग्रॉस एनपीए में लगातार वृद्धि हो रही है।

हकीकत:
सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद इस पर रोक लगाना मुश्किल हो रहा है। इसे न तो यूपीए सरकार खत्म कर पाई और न ही मोदी सरकार इस पर काबू कर पा रही है।

ग्रॉस एनपीए
2013-14: 2.27 लाख करोड़ रुपये
2015-16: 5.02 लाख करोड़ रुपये
सितंबर 2017: 6.3 लाख करोड़ रुपये

आरोप:
किसानों और कृषि के लिहाज से अहम इस सेक्टर की स्थिति यूपीए-2 के समय काफी खराब थी, लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद इसमें तेज बढ़ोतरी हुई।

हकीकत:
इसके बाद नोटबंदी के फैसले ने इस इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी। फिर भी यूपीए-2 से इसकी ग्रोथ बेहतर है।

फर्टिलाइजर्स इंडस्ट्री ग्रोथ रेट
2013-14: 1.5%
2015-16: 12.2%
2016-17: 3.4%

कोल इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट
2013-14: 1.3%
2015-16: 4.5%
सितंबर 2017: 2%

क्रूड ऑयल इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट
2013-14 -0.2%
2015-16 -1.4%
सितंबर 2017 -3.2%

नेचुरल गैस इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट
2013-14 -13%
2015-16 -4.2%
सितंबर 2017 -3.3%