इकोनॉमिस्ट ज्यां द्रेज से थाने में पुलिस ने मांगी 500 रुपये घूस

 

 

रांची : लालपुर पुलिस ने इकोनॉमिस्ट और दुनिया के मुख्तलिफ यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर ज्यां द्रेज से बाइक को छोड़ने के लिए पांच सौ रुपये की रिश्वत मांगी़ उनके साथ लालपुर थाने में गलत रवैया अपनाया गया़ ज्यां द्रेज ने मामल की जानकारी डीसी और पुलिस के आला अफसरों को दी़

वाकिया को लेकर लालपुर थाने के दारोगा बलबीर सिंह और जमादार सुरेश ठाकुर को मुअत्तिल कर दिया गया है. मामले की जांच के लिए सिटी डीएसपी सुदर्शन आस्तिक को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. ज्यां द्रेज के मुताबिक, उन्हें 13 दिसंबर को हेहल में मुनाक्क्किद इजलास में हिस्सा लेने जाना था. इसके लिए उन्होंने इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट से एक बाइक ली थी़ वह बाइक से आठ बजे रांची कॉलेज पहुंचे़.

बाइक को पार्किंग की जगह लगा कर लॉक कर दिया़. उन्होंने बताया करीब घंटे भर बाद पार्किंग मुकाम पहुंचा, तो बाइक वहां नहीं थी़ इसके बाद वह एफईआर दर्ज कराने गोंदा थाना गये़.

वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस ओहदेदारों ने ऍफ़आईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया और बरियातू थाना जाने को कहा़ ज्यां द्रेज ने बताया अगले दिन (14 दिसंबर) एक गवाह के साथ फिर से गोंदा थाना पहुंचा. तब उन्हें लालपुर थाना जाने को कहा गया.

इसके बाद लालपुर थाना गया़ वहां पुलिस की मदद नहीं मिली़. लालपुर थाने के सब इंस्पेक्टर बलबीर सिंह मुझ पर चिल्लाने लगे और बेतूका सवाल पूछते रहे़ बाद में मैंने लालपुर थाने में ही बाइक खड़ी देखी़.

ज्यां द्रेज के मुताबिक, पूछने पर लालपुर थाने के सब इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने बताया कि 13 सितंबर को रांची कॉलेज के बाहर बाइक खड़ी थी. बाइक को चोरी होने से बचाने के लिए ही जब्त किया गया था. इस पर ज्यां द्रेज ने बलबीर सिंह से पूछा कि बाइक जब्त करने के बाद इसके मालिक का अड्डरेस खोजने की कोशिश क्यों नहीं किया गया़.

यह कहने पर कि वह चोरी की एफआईआर दर्ज करायेंगे, तब बलबीर सिंह ने बाइक सौंप दी. थाने से बाइक ले जाने से पहले लालपुर थाने के जमादार सुरेश ठाकुर ने रिश्वत के तौर में 500 रुपये मांगे. पर उन्होंने नहीं दी़.

मंगल को ज्यां द्रेज फिर से लालपुर थाना पहुंचे और यह जानना चाहा कि बाइक जब्त करने का रिकॉर्ड पुलिस ने दर्ज किया है या नहीं.

लालपुर थाने के इंचार्ज थानेदार बीएन सिंह और जमादर सुरेश ठाकुर ने बताया कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की तहरीरी जानकारी डीसी और आला पुलिस अफसरों को दी. बलबीर सिंह और सुरेश ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई की मुतालिबात की. मामले की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी प्रभात कुमार ने पुलिस ओहदेदारों के खिलाफ कार्रवाई की़.