सी पी आई एम जनरल सेक्रेटरी प्रकाश करत ने कहा कि इक्कीसवीं सदी का सोशलिज़्म पेशरू सदी से मुख़्तलिफ़ होगा। उन्होंने कहा कि उसे ममालिक जो सोशलिज़्म पर अमल पैरा हैं, उन्हें बाअज़ ग़लतीयों और पेचीदगीयों को दूर करना चाहीए। प्रकाश कर्त ने कहा कि बीसवीं सदी में हम ने सोशलिज़्म से बहुत कुछ सबक़ हासिल किया है और अब ज़रूरत इस बात की है कि तजुर्बात की बुनियाद पर ग़लतीयों और पेचीदगीयों को दूर किया जाए।
इसके बगै़र सोशलिज़्म को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। उन्होंने पार्टी के एक इजलास से ख़िताब करते हुए कहा कि मुख़्तलिफ़ ममालिक जैसे चीन, क्यूबा और वेतनाम मैं सोशलिज़्म के बाअज़ पहलोओं को ख़तम करने की कोशिश की जा रही है, जो मौजूदा दौर से मुताबिक़त नहीं रखते।
उन्होंने कहा कि सोशलिज़्म सिर्फ एक मक़सद ही नहीं है बल्कि ये हक़ीक़त पर मबनी नज़रिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी और ममलकत के माबैन राबिता का फ़ुक़दान भी कई सोशलिस्ट जमहूरीयतों मैं मनफ़ी असरात मुरत्तिब करने का मूजिब बना है। प्रकाश कर्त ने कहा कि गुज़शता 4 साल के दौरान कई मग़रिबी ममालिक ने सरमाया दाराना निज़ाम कई मर्तबा बोहरान का शिकार हुआ है। इससे साफ़ ज़ाहिर है कि इक्कीसवीं सदी में आज़ादाना सरमाया दाराना निज़ाम बिलकुल्लिया नाक़ाबिल-ए-क़बूल होगा।
उन्होंने कहा कि लातीनी अमरीका को आज़ाद पालिसी और ख़ानगयाने की लेबोरेट्री के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।