इख़वान उलमुस्लिमीन कि कामयाबी,हुक्मराँ फ़ौजी कौंसल पर बालादस्ती यक़ीनी

क़ाहिरा 6 दिसमबर (राइटर्स) मिस्र में हुसनी मुबारक के ज़वाल के बाद पहली बार मुनाक़िदा आज़ादाना जमहूरी इंतिख़ाबात में इस्लाम पसंद जमाअत इख़वान उलमुस्लिमीन को भारी कामयाबी मिली है और क़तई नतीजों से पता चलता है कि इख़वान उलमुस्लिमीन को अपनी कट्टर हरीफ़ जमाअत सख़्त गीर सलफ़ी उल-नूर के इलावा तरक़्क़ी पसंद आज़ाद जमातों पर भी सबक़त हासिल होगई।

6 दहाईयों के दौरान मिस्र में पहली मर्तबा मुनाक़िदाआज़ाद इंतिख़ाबात में इख़वान उलमुस्लिमीन की आज़ादी-ओ-इंसाफ़ पार्टी (एफ़ जे पी) ने इस कसीर अलाबाद अरब मुल्क में हुक्मराँ फ़ौजी कौंसल से इक़तिदार की इमकानी रसाकशी की सूरत में अपने असर-ओ-रसूख़ और बालादस्ती को मनवा चुकी है ।

साबिक़ सदर मुबारक के दौर में तीन दहाईयों तक इख़वान उलमुस्लिमीन के सयासी सरगर्मीयों पर हिस्सा लेने पर इमतिना आइद था लेकिन फरवरी में मुबारक की माज़ूली के बाद ये जमाअत मुल़्क की सब से ताक़तवर सयासी क़ुव्वत की हैसियत से उभरी है और अपने हरीफ़ों को मश्वरा दी है कि वो अवाम की मर्ज़ी को क़बूल करले।