इजरायली जुल्म: 70 साल से भी ज्यादा वक्त गुजरने के बावज़ूद फलस्तीनी गुजार रहे हैं शरणार्थी की जिन्दगी!

इस्राईली प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू ने फ़िलिस्तीनियों की ओर संकेत करते हुए कहा है कि इस्राईल (अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन) यहां के समस्त नागरिकों के लिए नहीं है।

parstoday.com पर छपी खबर के अनुसार, पिछले साल इस्राईली संसद ने एक बहुत ही विवादास्पद क़ानून पारित करके इस्राईल के यहूदीकरण का दावा किया था, नेतनयाहू ने इंस्टाग्राम पर अपने बयान में इसी क़ानून का हवाला दिया है।

ग़ौरतलब है कि ब्रिटिश साम्राज्य ने अमरीका और यूरोपीय देशों के साथ मिलकर 1948 में फ़िलिस्तीनियों को उनके घरों और ज़मीनों से उजाड़कर अवैध रूप से इस्राईल के गठन का एलान किया था।

70 साल से भी ज़्यादा का समय बीत चुका है करोड़ों फ़िलिस्तीनी दुनिया के विभिन्न देशों में शरणार्थियों का जीवन गुज़ारने पर मजबूर हैं, जो फ़िलिस्तीनी आज भी अपनी सरज़मीन पर रहते हैं, उन्हें बड़े पैमाने पर भेदभाव और अवैध ज़ायोनी शासन के अमानवीय अत्याचारों का सामना करना पड़ता है।

इस्राईली अत्रिनेत्री रोटेम सेला की आलोचना के जवाब में इस्राईली प्रधानमंत्री ने लिखा, इस्राईल समस्त नागरिकों के लिए नहीं है। नागरिकता का जो क़ानून हमने पारित किया है उसके अनुसार इस्राईल केवल यहूदियों के लिए है।

पिछले साल गर्मियों में जो क़ानून पारित किया गया है, उसमें अरबी भाषा को प्राप्त विशेष दर्जा भी छीन लिया गया है और हेब्रू को एकमात्र आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई है।

केवल इतना ही नहीं बल्कि मुसलमानों के तीसरे सबसे पवित्र धार्मिक स्थल अविभाजित बैतुल मुक़द्दस को ज़ायोनी शासन की राजधानी क़रार दिया गया है।

सेला ने ज़ायोनी सरकार की आलोचना करते हुए कहा था, ज़ायोनी सरकार में कब कोई यह बात कहेगा कि फ़िलिस्तीनी भी इंसान हैं और इसी सरज़मीन के नागरिक हैं?

अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में इस बयान ने हलचल मचा दी थी। यही वजह है कि नेतनयाहू ने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी इलाक़ों को केवल यहूदियों के लिए बताया है।

नेतनयाहू पर आरोप है कि अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में रहने वाले क़रीब 20 प्रतिशत फ़िलिस्तीनी नागरिकों को वह पूर्ण रूप से अलग थलग करना चाहते हैं और इस तरह से आगामी आम चुनाव में चरमपंथी ज़ायोनियों के वोट जुटाना चाहते हैं। इसके अलावा, नेतनयाहू भ्रष्टाचार के आरोपों में भी गिरे हैं, जिसके कारण उन्हें उनके विपक्षी कड़ी टक्कर दे रहे हैं।