तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगान ने इज़राइली स्निपर्स द्वारा कई फिलीस्तीनियों की हत्या के कुछ दिनों बाद OIC बैठक का आयोजन किया जिसमें एर्दोगान ने सभी मुस्लिम देशों से एकजुट होने और इजराइल का मुकाबला करने के लिए मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की है।
अल जज़ीरा के मुताबिक, शुक्रवार को इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के असाधारण शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, एर्दोगान ने कहा कि इजरायल को उन हत्याओं पर उत्तरदायी माना जाना चाहिए जिसकी व्यापक अंतर्राष्ट्रीय निंदा हो रही है।
इजराइल की दरिंदगी की वजह से मिडिल ईस्ट से उत्तरी अफ्रीका और एशिया तक विरोध प्रदर्शन की लहर शुरू हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक, एर्दोगान ने तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में इकट्ठे हुए मुस्लिम नेताओं के समूह से कहा, “इज़राइली सैनिकों द्वारा हत्या किए गए फिलिस्तीनियों के लिए कार्रवाई करने के लिए पूरी दुनिया होकर यह दिखाना है कि मानवता मर नहीं गई है।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने इज़राइल की फिलिस्तीनियों की हत्या को “गुस्सा, अत्याचार और राज्य आतंक” के रूप में वर्णित किया और कहा कि अमेरिका की जेरूसलम की मान्यता के रूप में इजरायल की राजधानी अनिवार्य रूप से अंतरराष्ट्रिय क़ानून का उल्लंघन है।
सोमवार को, जब अमेरिका ने जेरूसलम में यूएस एम्बेसी का उदघाटन किया उस वक़्त इजराइल सैनिकों ने गाजा बॉर्डर पर हज़ारों फिलिस्तीनियों का खून बहाया।
जिसमें 62 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 2,700 से ज्यादा घायल हो गए। इजराइल का फिलिस्तिन्यों पर आतंक जारी है लेकिन फिलिस्तीनियों ने भी ठान ली है कि वह इजराइल का मुकाबला करते रहेंगे।
शुक्रवार को हजारों लोग इस्तांबुल में तुर्की राष्ट्रपति रसेप तय्यिप एर्दोगान द्वारा एक रैली के लिए फिलीस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने और गाज़ा प्रदर्शनकारियों पर घातक हमलों के बाद इजरायल की निंदा करने के लिए हजारों लोगों एकत्र हुए।