अरब देशों के फिलिस्तीन से अच्छे सम्बन्ध बताये जाते हैं। अरब देश जहां अपनी हर बैठक में फिलिस्तीन को मुख्य मुद्दा मानते हैं तो वहीं फिलिस्तीन के पक्ष में ना बोलकर सऊदी अरब के पूर्व जनरल ने इजराइल के पक्ष में एक बयान दिया है।
सउदी अरब के पूर्व जनरल ने कहा की “सऊदी अरब इजराइल के जुर्म से फिलिस्तीनियों को बचाने के लिये बाध्य नहीं है। अनवर एश्की , जो की अभी मिडिल ईस्ट सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड लीगल स्टडीज में चेयरमैन की भूमिका में हैं, ने गुरुवार को कहा की “रियाद की कोई अतिरिक्त ड्यूटी नहीं है की वह इसरायल से फिलिस्तीन को बचाए” और साथ ही साथ यह भी कहा की “फिलिस्तीनी रियाद से ज्यादा सुरक्षा प्राप्त करने के हकदार नहीं हैं, जैसे सऊदी नागरिक करते हैं।
अनवर ने कहा की “अगर मान लो की आपके और आपके पडोसी के घर में आग लग गयी है तो स्वाभाविक है की आप अपना घर बचाने के लिए दौडोगे।
उन्होंने कहा की “हालांकि उन्हें इस बयान के बाद कई सारे प्रश्नों का सामना करना पड़े लेकिन मै यह स्पष्ट रूप से कहता हूँ की तेल अवीव के शासन ने देश के बारे में कभी ऐसा कुछ बोलकर हमला नहीं किया है जिससे देश को जवाब देना पड़े। इस बयान से उन्होंने इजराइल को संरक्षित किया है।
ईशकी ने कहा “इज़राइल (केवल) शत्रुता का संदेह है” अनवर को विशेष रूप से हाल के महीनों में कब्जाए गए क्षेत्रों (जो की फिलिस्तीन से छीने गए हैं ) में बार-बार यात्रा करते हुए पाया गया है।
प्रेस टीवी की खबरों के अनुसार पूर्व सैन्य कमांडर ने क्षेत्रीय संघर्षों के लिए ईरान पर दोष लगाने का अवसर इस्तेमाल किया था और कहा था कि यह ईरान था, ना कि इजरायल।
प्रेस टीवी के अनुसार अनवर की यह टिप्पणियां नयी हैं, जो की सऊदी अरब को ईरान का मुकाबला करने के तरीके के रूप में इजरायल के साथ घनिष्ठ संबंध की और संकेत देती हैं. जो इसे क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी के रूप में मानता है।
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान समेत वरिष्ठ सऊदी अधिकारी ने कई बार खुले तौर पर कहा है की “इजराइल का यूं फिलिस्तीनियों के साथ ट्रीटमेंट शांति का एक मुद्दा है जो की उचित है।
साभार- ‘world news arabia’