इजरायल में दक्षिणपंथी सोच एक बार फिर से कामयाब नेतन्याहू का पीएम बनना तय!

बेन्यामिन नेतान्याहू रिकॉर्ड पांचवीं बार इस्राएल के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों के बावजूद नेतान्याहू चुनावी मुद्दों को दक्षिणपंथी धारा में ले जाने में सफल हुए।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, बेन्यामिन नेतान्याहू को चुनौती देने वाले इस्राएली सेना के पूर्व प्रमुख बेनी गांत्स को सिर्फ 35 सीटों से संतोष करना पड़ेगा। 120 सदस्यों वाली संसद में नेतान्याहू की लिकुड पार्टी और उसके सहयोगी दलों को 65 सीटें मिलने जा रही हैं।

इसके साथ ही साफ हो चला है कि नेतान्याहू ही सरकार बनाने में सफल होंगे। गांत्स की मध्य-वामपंथी पार्टी ब्लू एंड व्हाइट की स्पष्ट हार ने दक्षिणपंथी राजनीति के उभार के स्पष्ट संकेत भी दिए हैं।

हालांकि आधारिक तौर पर नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे। लेकिन अनाधिकारिक नतीजों से नई संसद की तस्वीर साफ हो चुकी है। जीत के माहौल के बीच नेतान्याहू ने अपने समर्थकों से कहा, “इस्राएल देश ने पांचवीं बार, वो भी और ज्यादा विश्वास के साथ मुझ पर भरोसा किया, मैं इसका आभारी हूं।

मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि यह एक दक्षिणपंथी सरकार होगी, लेकिन मैं इस्राएल के सभी नागरिकों, दक्षिण या वाम, यहूदी और गैर यहूदियों का प्रधानमंत्री हूं।

चुनावों से साफ हो चुका है कि इस्राएली राजनीति में दक्षिपंथ किस हद तक मजबूत हो चुका है। चुनावों से ठीक पहले नेतान्याहू गंभीर कानूनी विवादों में उलझे हुए थे।

उनके और उनके परिजनों पर मुकदमे चल रहे हैं। लेकिन मतदाताओं ने इन मुद्दों को नजरअंदाज कर दक्षिणपंथी धड़े को जिताया। माना जा रहा है कि इस्राएल के इतिहास में अब सबसे कड़े तेवरों वाली दक्षिणपंथी सरकार बनने जा रही है।