इजरायल से सऊदी अरब ने और नजदीकी बढ़ाया, जानिए पुरा मामला!

जायोनी समाचार पत्र हारेत्ज़ ने भी लिखा है कि पहले से अधिक सऊदी अरब और इस्राईल की निकटता के दृष्टिगत इस्राईली पास्पोट धारक अब सीधे सऊदी अरब की यात्रा कर सकेंगे।

एक इस्राईल वेब साइट ने ख़बर दी है कि ज़ायोनी शीघ्र ही इस्राईली पास्पोट से सऊदी अरब की यात्रा कर सकेंगे।

मिज़राह हेतीख़ोन वेबसाइट ने लिखा कि सऊदी अरब इस्राईल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के परिप्रेक्ष्य में ज़ायोनियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध करायेगा कि वे इस्राईली पास्पोट से सऊदी अरब की यात्रा कर सकें।

जायोनी समाचार पत्र हारेत्ज़ ने भी लिखा है कि पहले से अधिक सऊदी अरब और इस्राईल की निकटता के दृष्टिगत इस्राईली पास्पोट धारक अब सीधे सऊदी अरब की यात्रा कर सकेंगे।

इसी प्रकार इस समाचार पत्र ने सूचना दी है कि सऊदी अरब अस्थाई पास्पोट रखने वाले फिलिस्तीनियों को अपने यहां आने से रोक रहा है। इस समाचार पत्र के अनुसार सऊदी अरब के इस कदम के बाद वर्ष 1948 में अतिग्रहित क्षेत्रों में रहने वाले 10 लाख से अधिक फिलिस्तीनी अब हज नहीं कर सकते।

अभी हाल में सऊदी अरब के धर्मगुरूओं के एक गुट ने बल देकर कहा था कि इस्राईल से संबंध सामान्य बनाने का अर्थ जायोनी शासन को वैधता प्रदान करना है।

साथ ही धर्मगुरूओं के इस गुट ने कहा था कि इस कार्य से जायोनी शासन के हाथ फिलिस्तीनी जनता की हत्या की अनुमति मिल जायेगी और साथ ही राष्ट्रसंघ और पश्चिमी संगठनों व संस्थाओं को इस बात की अनुमति मिल जायेगी कि वे फिलिस्तीन के संबंध में अपनी अतार्किक नीतियों को आगे बढ़ायें।

सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात सहित कुछ अरब देश जायोनी शासन से एसी स्थिति में संबंध सामान्य बनाने की कोशिश में है जब इस्राईली आंकड़ों के अनुसार जायोनी शासन ने वर्ष 1967 से 2017 तक 42 हज़ार से अधिक फिलिस्तीनियों को शहीद कर चुका है और लाखों को बेघर व घायल कर चुका है।

साभार- ‘parstoday.om’