पाकिस्तान के संसदीय मामलों के मंत्री अली मोहम्मद ख़ान का कहना है कि उनका देश कभी भी इस्राईल को मान्यता नहीं देगा, क्योंकि वह पाकिस्तानी राष्ट्र का दुश्मन नम्बर वन है। ख़ान ने गुरुवार को संसद के सार्वजनिक सत्र में कहा, “हम कभी भी इस्राईल को मान्यता नहीं देंगे, इस्राईल पाकिस्तान का नम्बर वन दुश्मन है”।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, पाकिस्तान के पूर्व सैनिक राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि इस्लामाबाद को इस्राईल को मान्यता दे देनी चाहिए। दुबई में एक न्यूज़ कांफ़्रेंस को संबोधित करते हुए जनरल मुशर्रफ़ ने कहा था कि पाकिस्तान को अगर अपने सबसे कट्टर प्रतिद्वंद्वी भारत से मुक़ाबला करना है तो उसे इस्राईल से मज़बूत संबंध बनाना होंगे।
Israel is #Pakistan’s number-one enemy: Pakistani minister https://t.co/lnW7L1mePC pic.twitter.com/o0dJ1XD9Uk
— Press TV (@PressTV) March 9, 2019
मुशर्रफ़ के इस बयान के बाद पाकिस्तान में इस्राईल को मान्यता देने या नहीं देने के विषय पर एक बहस छिड़ गई थी। हालांकि प्रधान मंत्री इमरान ख़ान के संसदुय मामलों के राज्य मंत्री ने यह बयान देकर इस तरह की किसी भी संभावना से साफ़ इनकार कर दिया है।
ख़ान का कहना था कि पाकिस्तानी जनता ऐसे लोगों का डटकर मुक़ाबला करेगी जो इस्राईल से दोस्ती की बात करते हैं। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तानी दूत मलीहा लोदी ने फ़िलिस्तीन के प्रति पाकिस्तानी राष्ट्र की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए कहा था कि इस्लामाबाद, तेल-अवीव के साथ संबंध स्थापित नहीं करेगा।
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद सैय्यद ख़ुर्शीद अहमद शाह ने भी इमरान सरकार इस्राईल को मान्यता देने की ग़लती नहीं कर सकती है।
पिछले हफ़्ते पाकिस्तान के एक बड़े अंग्रेज़ी अख़बार डान ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से दावा किया था कि फ़रवरी के आख़िरी हफ़्ते में भारत-पाकिस्तान हवाई टकराव में इस्राईल ने भारत की मदद की थी।