ईस्लामाबाद वाशिंगटन 25 दिसमबर (एजैंसीज़) अमरीका ने महमंद एजैंसी हमले पर अपनी ग़लती तस्लीम करते हुए कहा है कि पाकिस्तान से इज़हार-ए-अफ़सोस काफ़ी है लेकिन इस पर माफ़ी नहीं माँगेंगे ताहम शहीद होने वाले पाकिस्तानी फ़ौजी ओहदेदारों के ख़ानदानों को मुआवज़ा देने को तैय्यार हैं। उम्मीद है कि पाकिस्तान से ताल्लुक़ात आगे बढ़ींगी। इस मुआमले पर आने वाली तहक़ीक़ाती रिपोर्ट के हवाले से पाकिस्तानी हुक्काम से बातचीत के लिए टीम रवाना करने को तैय्यार हैं।
21 डसमबर को जनरल इशफ़ाक़ परवेज़ क्यानी से राबिता करके सूरत-ए-हाल पर तबादला-ए-ख़्याल और तहक़ीक़ाती रिपोर्ट मुकुल होने का तीक़न दिया था। तफ़सीलात के मुताबिक़ जुमा को अमरीकी महिकमा-ए-ख़ारजा के नायब तर्जुमान मार्क सी टोनर ने मीडीया से बातचीत करते हुए अमरीका को पाकिस्तानी सरहदी चौकी पर नाटो के हमले और इस के नतीजे में होने वाली हलाकतों पर अफ़सोस है लेकिन अमरीका इस के लिए माफ़ी नहीं मांगेगा।
इन का कहना था कि वाशिंगटन कोहलाक होने वाले फ़ौजी ओहदेदारों के ख़ानदानों से हमदर्दी है और शहीद फ़ौजीयों के ख़ानदानों को मुआवज़ा देने को तैय्यार हैं। उन्हों ने तसदीक़ की कि अमरीकी फ़ौज केसरबराह जनरल डेम्पसी ने 21 डसमबर को पाक फ़ौज के सरबराह जनरल इशफ़ाक़ परवेज़ क्यानी से फ़ोन पर राबिता करके महमंद एजैंसी हमले के बाद की सूरत-ए-हाल पर तबादला-ए-ख़्याल किया था। जनरल डेम्पसी ने जनरल क्यानी को बताया था कि महमंद एजैंसी वाक़िया की तहक़ीक़ात मुकम्मल होगई हैं।