लखनऊ, ०४ जनवरी: ( फैक्स ) आज इत्तिहाद फ्रंट के एकता मंच पर हम सब हिन्दू , मुस्लिम, सिख , ईसाई जमा हैं। तक़सीम के बाद मुल्क की तारीख़ में ये पहला इक़दाम है।
हम सब इस पर यक़ीन रखते हैं कि हमारा पैदा करने वाला मालिक और माबूद एक हैं। God, इश्वर और अल्लाह एक है, हम सब इस के बंदे हैं।सब से पहला इंसान मर्द हमारा बाप और सब से पहली औरत हमारी माँ हैं।
हम सब एक ही रिश्ता में पैवस्त हैं, ज़ात, पात, छूतछात, ऊंच नीच, फ़िर्कावारीयत और तास्सुब को हम लानत समझते हैं। हम सब पहले इंसान हैं फिर कुछ और, हम सब की बराबरी के क़ाइल हैं, हर माँ ने अपने बेटे को आज़ाद जना हैं।
हम जानते हैं कि सियासत ख़िदमत-ए-ख़लक़ का दूसरा नाम है, हिर्स-ओ-हवस, लूट खसूट, ज़ुलम-ओ-ज़्यादती और फ़िर्कावारीयत की सियासत एक लानत और क़ौम पर अज़ाब है।आज ज़्यादातर मुल्क की सियासत करप्शन, फ़साद और बिगाड़ की शिकार हो चुकी है।
छोटी छोटी पार्टीयों के लीडरान आज एकता मंच पर इस लिए जमा हुए हैं कि उन्हें तबदीली लाना है, एक चोर की जगह दूसरे चोर और एक ज़ालिम की जगह दूसरे ज़ालिम की तबदीली नहीं बल्कि ज़ालिम की जगह मुंसिफ़ की, हाकिम की जगह ख़ादिम की तबदीली लाने का अज़म करना है।