अनीसुल ग़ुर्बा यतीम ख़ाना का शुमार शहर के इंतिहाई क़दीम तरीन यतीम ख़ानों में होता है। नामपल्ली रेलवे इस्टेशन के बिलकुल करीब वाक़े इस यतीम ख़ाना में पहले यतीम लड़के और लड़कियों की कसीर तादाद रहा करती थी लेकिन ऐसा लगता है कि हालिया बरसों में वक़्फ़ बोर्ड ने इस यतीम ख़ाना की इमारत और वहां मुक़ीम बच्चों की निगहदाश्त पर तवज्जा मर्कूज़ नहीं की हालांकि मुख़्तलिफ़ बैंकों में अनीसुल ग़ुर्बा के एक करोड़ 60 लाख रुपये डिपाज़िट करवाए गए हैं।
इदारा अनीसुल ग़ुर्बा की हालत इंतिहाई ख़स्ता हो गई है इस इमारत को देख कर स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड जनाब शेख मुहम्मद इक़बाल आई पी एस हैरत में पड़ गए। उन्होंने अपने दौरे के मौक़ा पर देखा कि बिजली के तारें खुले पड़े हैं।
चुनांचे उन्होंने फ़ौरी इक़दामात करने की हिदायत दी। वैसे भी तक़रीबन 450 मुरब्बा गज़ अराज़ी पर मुहीत इदारा अनीसुल ग़ुर्बा बच्चों के लिए नाकाफ़ी हो गया है। अनीसुल ग़ुर्बा की हालते ज़ार को देखते हुए जनाब शेख मुहम्मद इक़बाल ने इस इदारा को फ़रोग़ देने का इरादा ज़ाहिर किया। उन्होंने देखा कि वहां बच्चों के लिए कोई खेल कूद की जगह भी नहीं है।
अनीसुल ग़ुर्बा के दौरा के मौक़ा पर स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड ने मीडिया से भी बात की थी। चुनांचे इस ज़िमन में उन्होंने मीडिया नुमाइंदों से ही मश्वरे देने की दरख़ास्त की जिस पर बाअज़ सहाफ़ीयों ने बताया कि दफ़्तर वक़्फ़ बोर्ड, हज हाउज़ के बिलकुल अक़्ब में 1815.7 मुरब्बा गज़ अराज़ी पर एक शानदार मौक़ूफ़ा जायदाद है इस इमारत पर तवज्जा ना देने के नतीजे में ये इमारत इंतिहाई ख़स्ता नज़र आ रही है। अगर उस की दाग़ दोज़ी और रंगो रोगन किया जाए तो उस की अज़मत रफ़्ता बहाल हो जाएगी।
सहाफ़ीयों ने जनाब शेख मुहम्मद इक़बाल को ये भी बताया कि वो इमारत अली मंज़िल के नाम से मशहूर है। अगर अनीसुल ग़ुर्बा को मौजूदा इमारत से अली मंज़िल मुंतक़िल कर दिया जाता है तो इस से ना सिर्फ़ यतीम और यसीर लड़के लड़कियों को रहने में आसानी होगी बल्कि वहां उन के लिए तरबियती इदारा और स्कूल भी क़ायम किया जा सकता है।
अली मंज़िल की सब से अहम बात ये है कि इस में दो इमारतें हैं इस तरह वहां लड़के और लड़कियों के क़ियाम के लिए अलाहिदा अलाहिदा इंतेज़ामात करने में आसानी होगी। इस के लिए रक़म भी मौजूद है जैसा कि सुतूर बाला में बताया गया है कि मुख़्तलिफ़ बैंकों में अनीसुल ग़ुर्बा के 1.6 करोड़ रुपये जमा करवाए गए हैं इस रक़म से ना सिर्फ़ इदारा की मौजूदा इमारत की अज़सरे नव तामीर हो सकती है।
बल्कि अली मंज़िल में मुरम्मत का काम भी हो सकता है। जनाब शेख मुहम्मद इक़बाल स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड अगर अनीसुल ग़ुर्बा को अली मंज़िल मुंतक़िल करते हैं तो इस से मौक़ूफ़ा जायदादों के दुश्मनों का नुक़्सान और मिल्लत का फ़ायदा होगा।