डायरेक्टर क़ौमी कौंसिल बराए फ़रोग़ उर्दू प्रोफेसर सय्यद अली क्रीम इर्तिज़ा ने रोज़नामा सियासत के दफ़्तर पहुंच कर ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर सियासत से मुलाक़ात की।
इस मौके पर पद्मश्री मुज्तबा हुसैन, प्रोफेसर ज़ाहिद उल-हक़ के अलावा दुसरे मौजूद थे। प्रोफेसर सय्यद अली क्रीम इर्तिज़ा ने मुल्क में उर्दू ज़बान की तरक़्क़ी-ओ-तरवीज के सिलसिले में कौंसिल की तरफ से किए जाने वाले इक़दामात को वुसअत देने के मुताल्लिक़ फ़ैसले से वाक़िफ़ करवाते हुए कहा कि क़ौमी कौंसिल बराए फ़रोग़ उर्दू ज़बान के रीजनल दफ़ातिर का क़ियाम मुल्क भर के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में अमल में लाया जाएगा ताके कौंसिल के मंसूबों और ज़बान को दरपेश मसाइल का जायज़ा लिया जा सके।
मुलाक़ात के दौरान उन्होंने ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर सियासत की उर्दू दोस्ती और अख़बार सियासत की तरफ से अंजाम दी जाने वाली फ़लाही ख़िदमात की सताइश करते हुए कहा कि अख़बार सियासत के ज़ेरे एहतेमाम चलाए जाने वाले फ़लाही कामों का मुशाहिदा करने के लिए चंद घंटे काफ़ी नहीं हैं बल्कि कम अज़ कम एक दिन मुकम्मिल तौर पर सियासत में गुज़ारने के बाद ही इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता हैके मिल्लत की तरक़्क़ी के लिए इदारे की तरफ से किया ख़िदमात अंजाम दी रही हैं।
ज़ाहिद अली ख़ां ने इस मौके पर उन्हें इदारा सियासत की तरफ से चलाई जाने वाली मुख़्तलिफ़ फ़लाही सरगर्मीयों से मुताल्लिक़ वाक़िफ़ करवाया और बताया कि इदारा सियासत अपने क़ारईन-ओ-फ़र्ज़ंदान हैदराबाद की इआनत से उन ख़िदमात को अंजाम दे रहा है। प्रोफेसर सय्यद अली क्रीम इर्तिज़ा ने इदारा सियासत की तरफ से चलाई जाने वाली ख़त्ताती की क्लासेस के अलावा कम्पयूटर की तर्बीयत के मर्कज़ का मुशाहिदा करते हुए उसकी सताइश की।
उन्होंने कहा कि अख़बार के ज़रीये चलाई जाने वाली ये सरगर्मीयां क़ाबिले अमलहैं। इस मौके पर ज़हीरुद्दीन अली ख़ां मैनेजिंग एडीटर रोज़नामा सियासत ने इदारा सियासत की तरफ से चलाई जाने वाली फ़लाही सरगर्मीयों की तफ़सील पेश की और सियासत की वेबसाइट की मक़बूलियत के मुताल्लिक़ डायरेक्टर क़ौमी कौंसिल बराए फ़रोग़ उर्दू ज़बान को वाक़िफ़ करवाया।