इदारा सियासत के आंदोलन से मुस्लिम समाज में परिवर्तन:जलालुद्दीन अकबर

हैदराबाद 14 नवंबर: मुहम्मद जलालुद्दीन अकबर कनज़ोीटर वन विभाग ने मुस्लिम अभिभावकों से कहा कि वे अपने बच्चों के रिश्ते तय करने के सिलसिले में इस्लामी अहकामात को मयार बनाएँ। उन्होंने कहा कि इस्लाम ने रिश्तों के इंतेख़ाब निकाह वलीमा और दुसरे मुआमलात में मुस्लमानों की रहबरी और रहनुमाई की है। लेकिन हम अपने मामलों जीवन में इस्लामी शिक्षाओं को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहे हैं जिसकी वजह से हमारे जीवन अनगिनत समस्याओं से दो चार हो गई है।

जलालुद्दीन अकबर ने इम्पीरियल गार्डन टोली चौकी में इदारा सियासत और माइनॉरिटीस डेवलपमेंट फ़ोर्म की तरफ से आयोजित 68 वें दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम को मेहमान-ए-ख़ोसूसी संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सियासत और एमडी एफ ने समाज के एक महत्वपूर्ण समस्या को हल करने के लिए प्रभावी आंदोलन चलाया है जिससे सैकड़ों रिश्ते तय हो रहे हैं। और मुसलमानों के दृष्टिकोण में भी बदलाव आरहा है।

उन्होंने कहा कि विवाह तय करने के सिलसिले में लड़कों और लड़कियों के माता-पिता के नीयतों में इख़लास और ख़ौफ़-ए-ख़ुदा का जुनून होना चाहिए।अकबर ने कहा कि मुस्लिम शादियों में कीमती परिधान गहने और दावतों में 22 डिशस का एहतेमाम इस्लामी तालीमात के ऐन बरअक्स है।

इस सिलसिले में संजीदा और दर्दमंद लोगों को कोई रणनीति तैयार करना होगा। इस्माईल साबिक़ रुकन इन्सानी हुक़ूक़ कमीशन ने मुस्लिम मुआशरे में तलाक़ और खुला घटनाओं को अफ़सोसनाक करार देते हुए कहा कि दोनों पक्षों की ओर से मामूली बातों पर वैवाहिक रिश्ता तोड़ने का फैसला न केवल अल्लाह और उसके रसूल (सल्लललाहु अलैहि वसल्लम) को नापसंद है बल्कि इस से समाज के अंदर भी तबाहीाँ पैदा हो रही हैं। इस स्थिति से रिश्ते टूट रहे हैं और परिवार प्रणाली बिखर रहा है।

इफ्तिखार हुसैन सचिव फ़ैज़ आम ट्रस्ट ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। आबिद सिद्दीक़ी सदर माइनॉरिटी डेवलपमेंट फोरम ने कहा कि देश के मौजूदा वित्तीय संकट से प्रभावित होने के बावजूद 68 वें दु बा दु मुलाकात कार्यक्रम में माता-पिता की भागीदारी इस बात का सबूत है कि अपने लड़कों और लड़कियों की शादी के सिलसिले में कितना परेशान और चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि वही रिश्ते स्थायी होते हैं जो आदेश दिव्य आधार पर स्थापित किए जाते हैं।

आबिद सिद्दीक़ी अपने भाषण में माता पिता को चेतावनी दी कि देश के मौजूदा हालात को महसूस करें क्युंकि कुछ गोशों की तरफ से शरीयत में हस्तक्षेप की साजिश रची जा रही है अगर यह स्थिति बरकरार रहे तो शायद भविष्य में मुस्लिम शादियों में भी सरकार अपनी भूमिका निभाने के लिए आगे आएगी।

जहीरुद्दीन अली ख़ान मैनेजिंग एडिटर रोज़नामा सियासत ने मुअज़्ज़िज़ मेहमानों को दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम के मक़ासिद और दुरे तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाया। कई वालिदैन और सरपरस्तों ने जहीरुद्दीन अली ख़ान को 68 वीं दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम की अज़ीम कामयाबी पर मुबारकबाद दी।