नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केंद्र , तमिलनाडु सरकार और बाकि शामिल लोगो से कल तक मुवाज़ों के लिए दायर की गयी याचिकाओं पर जवाब माँगा है । गौरतलब है की यह याचिकाएं उन लोगो के लिए हैं जो तमिलनाडु के तट पर तेल के गिरने से प्रभावित हुए हैं ।
इनजीटी अध्य्क्ष ‘स्वतन्कर कुमार’ के नेतृत्व वाली बेंच ने पर्यावरण और वन मंत्रालय (एमओईएफ), केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जहाजरानी मंत्रालय और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किये । बेंच ने उत्तरदाताओं को कल उपस्थित रह कर अपना उत्तर देने का आदेश दिया ।
याचिकाओं मे एक जाँच समिति के गठन की मांग की गयी है, जिसकी देखरेख और निगरानी में सफाई की प्रक्रिया और पर्यावरण को हुए नुकसान का आंकलन किया जा सके।
“मछली और सभी अन्य जलीय जानवरों का इस दोनों जहाजो की लापरवाही के कारण हुई दुर्गटना से बहुत नुकसान हुआ है, याचिका करता अश्विन कुमार के वकील समीर सोढ़ी ने अदालत के सामने यह बात रखी।
एक दूसरी याचिका में वकीलो ने अपील करी की आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन किया जाये।
28 जनवरी, 2017 को, दो व्यापारी जहाज – टोकियो मरीन होल्डिंग इंक की ‘एमवी मेपल गैलेक्सी ‘ और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ चार्टर पार्टी अनुबंध के तहत स्वामित्व ‘एम्टी डॉन कांचीपुरम’ एक दूसरे के साथ टकरा गए थे । यह दुर्घटना तमिलनाडु के एन्नोर में कामराज पोर्ट पर हुई ।
“इस दुर्गटना के कारण बंदरगाह पर बहुत भरी मात्रा में तेल और एलपिजी गिर गया है जिससे हमारे पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है और जो अंत मे समुद्री जीवन को ज़हरीला बना देगा। इस दुर्घटना के कारण आस पास रहने वाले लोगो को भी बीमारियां होने का खतरा है”, एक याचिका ने कहा ।
याचिकाकर्ताओं ने जहाज़ों को तब तक जप्त करने की मांग करी है जब तक दोनों कंपनिया पूरी तरह से नुकसान की भरपाई न कर दें । उनकी दूसरी मांग एक समिति के गठन की है जिसकी देख-रेख में सफाई का सारा काम किया जाये ।