इन्तेहाई पसमांदा को नहीं मिली एक्तेदार में हिस्सेदारी

पटना 2 जुलाई : बिहार में इन्तेहाई पसमांदा ने 15 साल तक लालू प्रसाद और अब नीतीश कुमार को हकुमत दी। लेकिन, इन्तेहाई पसमांदा कौम को सियासी हिस्सेदारी अब तक नहीं मिल सकी है। कांग्रेस सदर सोनिया गांधी और नायब सदर राहुल गांधी इन्तेहाई पसमांदा को समाज और सियासत की मेन स्ट्रीम में लाने के लिए कोशिश हैं। जरूरत है बिहार में कांग्रेस एक मुत्बदिल के तौर में सामने आये। ये बातें इंतेहाई पसमांदा के कौमी सदर कैलाश पाल ने कहीं। उन्होंने कहा कि जब लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दिल्ली में सोनिया गांधी के पास ही जाते हैं, तो हम सीधे कांग्रेस सरबराह से सियासी ताल्लुक क्यों नहीं बनायें। मिस्टर पाल पीर के दिन श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में फेडरेशन की तरफ से मुनाक्किद इंतेहाई पसमांदा कांफ्रेंस को ख़िताब कर रहे थे।

राजद-जदयू दोनों ने ठगा

कांग्रेस के कौमी सेक्रेटरी और एमपी राजाराम पाल ने कहा कि राजद और जदयू दोनों ने इंतेहाई पसमांदा को ठगा है। इन्तेहाई पसमांदा जातों के वोट से इनलोगों ने एक्तेदार हासिल की। लेकिन, इन्हें कभी वह इज्ज़त नहीं दिया, जिसके ये हकदार हैं। इसका वजह है कि इंतेहाई पसमांदा जातियां इकट्ठी नहीं हैं। जात से हट कर जमात के तौर में इन्हें इकट्ठा होना चाहिए। सूबाई कांग्रेस सदर अशोक चौधरी ने इन्तेहाई पसमांदा और महरूम समाज का एलान किया कि वे कांग्रेस से जुड़ें। कांग्रेस ही वाहिद पार्टी है, जो कमजोर तबके के लोगों को वाजिब हक देती रही है। कांफ्रेस को राजदेव सिंह चंद्रवंशी, मदन मोहन महतो, शिवनाथ ठाकुर, सुरेंद्र पाल, सुरेश कुमार सुमन, जीएस रामचंद्र दास, लालबाबू लाल, जमाल अहमद, सुबोध कुमार, कृष्ण कुमार भट्टा, प्रवीण कुशवाहा, राज कुमार राजन, नागेंद्र कुमार विकल वगैरह ने खिताब किया।