इन्साफ़ के लिए तमाम तबक़ात से मुशतर्का जद्द-ओ-जहद पर-ज़ोर

हैदराबाद 15 फ़रवरी: इन्साफ़ की जद्द-ओ-जहद को पसमांदगी का शिकार तमाम तबक़ात की मुत्तहदा कोशिशों के ज़रीये कामयाब बनाया जा सकता है क्युं कि जहां एससी एसटी और मुसलमानों के साथ बरसों से ज़्यादतियों का सिलसिला जारी है वहीं पर बीसी तबक़ा भी हमेशा पसमांदगी का शिकार होता आरहा है।

जहीरुद्दीन अली ख़ान तेलंगाना डेमोक्रिटेक ऐंड सेक्युलर अलाउंस के ज़ेरे एहतेमाम मदीना एजूकेशन सेंटर में मुनाक़िदा गोल मेज़ कांफ्रेंस से ख़िताब के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार कर रहे थे। हैदराबाद सेंट्रल यूनीवर्सिटी के पी.एचडी तालिबे इल्म रोहित वीमोला की ख़ुदकुशी के बाद हैदराबाद सेंट्रल यूनीवर्सिटी एफ़लो जेएनयू आईआईटी मद्रास और मुल्क भर की क़ौमी यूनीवर्सिटीज़ में जारी तलबा के एहतेजाज की हिमायत के लिए मुनाक़िदा इस गोल मेज़ कांफ्रेंस की निगरानी डॉ चिरंजीवी ने की जबकि मौलाना मुहम्मद अज़हरुद्दीन जमात-ए-इस्लामी सदर मौलाना मुफ़्ती ग़यासुद्दीन जनरल सेक्रेटरी मुफ़्ती मुहम्मद ज़ुबैर जिआउद्दीन नैय्यर के अलावा मुख़्तलिफ़ तन्ज़ीमों जमातें के सरबराहान और क़ाइदीन ने भी इस गोल मेज़ कांफ्रेंस में शिरकत की।

ज़हीरुद्दीन अली ख़ान ने कहा कि यूनीवर्सिटीज़ मे एससी एसटी बीसी और मुस्लिम तलबा के साथ होने वाली ज़यादती को ख़त्म करने के तमाम तबक़ात को एक प्लेटफार्म के ज़रीये मुत्तहदा जद्द-ओ-जहद के आग़ाज़ की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना में तेराह यूनीवर्सिटीज़ हैं जहां पर बड़े पैमाने में इन तबक़ात के तलबा ज़ेरे तालीम हैं मगर किसी ना किसी वजहा ये तलबा मुसलसिल पसमांदगी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने रियासत तेलंगाना की इन तेराह यूनीवर्सिटीज़ के एससी एसटी बीसी मुस्लिम तलबा में इत्तेहाद पैदा करने और उन्हें एक बयानर तले लाने की मुहिम शुरू करने पर ज़ोर दिया।

उन्होंने कहा कि जब ये तेराह यूनीवर्सिटी के तलबा एक प्लेटफार्म के तहत आजाऐंगे तो मुल्क की तमाम यूनीवर्सिटीज़ के तलबा को उनके साथ जोड़ना कोई बड़ी बात नहींहोगी। ज़हीरुद्दीन अली ख़ान ने कहा कि रोहित की ख़ुदकुशी जैसे वाक़ियात की रोक-थाम तेलंगाना डेमोक्रिटेक ऐंड सेक्युलर अलाउंस की तरफ से शुरू की गई इस तहरीक का वो मुकम्मिल साथ देंगे।